अमेरिकी संसद कैपिटल हिल के बाहर हुई हिंसा के दौरान भारतीय झंडा लहराने वाले एक शख़्स के ख़िलाफ़ दिल्ली के कालकाजी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. इस शख़्स की पहचान भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक विंसेंट ज़ेवियर के रूप में की गई है. 

दरअसल, वॉशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल में बुधवार को ट्रंप समर्थकों ने जमकर बवाल काटा था. इस दौरान लोग तब हैरान रह गए, जब ट्रंप समर्थकों के बैनर, पोस्टर और झंडों के बीच भारतीय झंडा भी लहराता नज़र आया. 

ख़बरों के मुताबिक, विंसेंट मूल रूप से केरल के कोच्चि का रहने वाला है और वो उन भारतीय मूल के लोगों में शामिल है, जिसे ट्रंप प्रशासन ने राष्‍ट्रपति की एक्सपर्ट काउंसिल में शामिल करने के लिए सिफ़ारिश की थी.

News18 की रिपोर्ट के मुताबिक, विंसेंट ने बताया कि वो चुनाव में धांधली के ख़िलाफ प्रदर्शन के लिए गया था, हिंसा से उसका कोई वास्‍ता नहीं है. उसने बताया कि रैली में मूल रूप से केरल के रहने वाले पांच लोगों समेत 10 भारतीय शामिल थे.

रैली में भारतीय झंडा लहराने के पीछे उसका कहना है कि वो दिखाना चाहता था कि ट्रंप के समर्थन में रैली कोई नस्लवादी आंदोलन नहीं थी. अग़र वो कोई नस्लवादी आंदोलन होता तो वो भारत का झंडा लेकर नहीं घूम पाता. 

‘जब भी मैं ट्रंप की रैली में गया हूं, मैंने वियतनामी, कोरियाई और यहां तक कि पाकिस्तानी मूल के लोगों को अपने मुल्क़ के झंडे पकड़े देखा है. ये बताता है कि इस तरह की रैलियां नस्लवादी आंदोलन नहीं हैं.’
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गौरतलब है कि ट्रंप समर्थकों का आरोप है कि अमेरिकी चुनाव में राष्ट्रपति ट्रंप की हार चुनावी धांधली की वजह से हुई है. ट्रंप चुनाव के बाद से दावा करते रहे हैं कि चुनाव में बड़े स्तर पर धांधली हुई है जिसके कारण उनकी हार हुई. हालांकि उनके इस दावे को चारों ओर से खारिज कर दिया गया है.

यही वजह है कि जिस दिन अमेरिकी संसद में अगले राष्ट्रपति के रूप जो बाइडेन के नाम पर मुहर लगनी थी, तब ट्रंप समर्थकों ने जमकर उपद्रव काटा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में 4 लोगों की मौत भी हो गई थी.