हनुमान चालीसा, बचपन में जब भी डर लगता था, पढ़ना शुरू कर देते थे. जब MP के पूर्व विधायक और कांग्रेस के नेता ने जब कहा, “जो हनुमान चालीसा पढ़ेगा उसे कोरोना छू भी नहीं सकता”, तो उसी काल्पनिक ‘भूत’ की याद आ गयी, जो हनुमान चालीसा सुनकर भाग जाता था.
नासे रोग हरे सभ पीड़ा,
— Ramesh Saxena (@RSaxenaOnline) June 12, 2020
जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा 🙏🙏
कोरोना संकट काल में सोशल डिस्टेंसिनग का पालन करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करें।।#Hanumanchalisa #MPFightscorona #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/NmDFuRWk3k
लेकिन पूर्व विधायक को याद होना चाहिए कि उसी हनुमान चालीसा में एक और लाइन आती है ‘बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं’. अगर वाक़ई हनुमान चालीसा ऐसे काम करती है तो इसका मतलब विधायक जी ख़ुद इसका पाठ नहीं कर रहे हैं, वरना कुछ बुद्धि तो आ ही गयी होती!
साथ ही रमेश सक्सेना ने कहा कि सभी लोग अपने अपने घरों में हनुमान चालीसा के 11-11 पाठ करें तो उनको कोरोना नहीं होगा.रमेश सक्सेना जब हर बेतुकी बात का जवाब दे रहे हैं तो उनको इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि आखिर कोरोना को गिनती सिखा कौन रहा है.