हर रोज़ देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसे देखकर यही लगता है कि हमने मानवता की खाल को बड़ी ही बेशर्मी से नोच फेंका है. अब बचा है तो महज़ हड्डियों को वो ढांचा जो सहारा देने के लिए नहीं बल्क़ि अपनी जद में आने वाले हर शख़्स को चुभने का काम कर रहा है. हमारे खोखले हो चुके सिस्टम की नंगी बेशर्मी का ताज़ा उदाहरण पुडुचेरी में देखने को मिला है. यहां कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव के साथ सरकारी कर्मचारियों की बदसलूकी का वीडियो सामने आया है.

दरअसल, वीडियो में सरकारी कर्मचारी कोरोना संक्रमित शख़्स के शव को एक गड्ढे में फेंकते नज़र आ रहे हैं. वीडियो में दिख रहा है कि पीपीई किट पहने चार लोग एंबुलेंस से शव को बाहर निकालते हैं, जिसके बाद उसे कब्र में फेंक देते हैं. उसके बाद वो लोग 30 सेकेण्ड के अंदर ही सरकारी अधिकारी से कहते हैं कि ‘शव को फेंक’ दिया है. इस पर अधिकारी अंगूठा दिखाता है.
वीडियो के सामने आते ही लोगों का ग़ुस्सा भड़क उठा है. जिसके बाद प्रशासन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. सरकारी कर्मचारियों की ये हरक़त न सिर्फ़ अमानवीय है बल्क़ि कोरोना संक्रमित शव को संभालने के दौरान अपनाए जाने वाले कई प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी है. क्योंकि संक्रमण से मरने वाले शख़्स की बॉडी को बैग में रखना अनिवार्य है, लेकिन यहां सिर्फ़ सफ़ेद कपड़े में ही शव को लपेटा गया है.
A lifeless body of a COVID19 positive man being insensitively thrown into the grave in Puducherry. Dignity denied in death. Collector orders probe. Showcase notice issued. An official shows thumbs up as a worker tells him “body has been thrown”. @ndtv pic.twitter.com/G2pzkNPwq2
— J Sam Daniel Stalin (@jsamdaniel) June 6, 2020
Ndtv की रिपोर्ट के मुताबिक़, मृतक व्यक्ति चेन्नई का रहने वाला है. पुडुचेरी में आने के दौरान वो संक्रमित हो गया था.
इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने बयान में कहा, ‘ये मामला शव को सम्मान के साथ दफ़नाने के अधिकार का मामला है. एक शव के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत अपराध है. हेल्थ वर्कर्स समेत अन्य स्टाफ़ को सज़ा मिलनी चाहिए.’
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक़, शवों को दफ़नाने की ज़िम्मेदारी राजस्व विभाग को सौंपी गई है. पुडुचेरी के कलेक्टर अरुण ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया, ‘मैंने संबंधित विभाग को मेमो जारी किया है. ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं जांच कर रहा हूं.’

इसी के साथ पुडुचेरी की उप-राज्यपाल किरण बेदी ने भी बताया कि इस मामले में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है.
बता दें, कुछ समय पहले चेन्नई में एक कोरोना संक्रमित एक डॉक्टर के शव को लोगों ने दफ़न होने नहीं दिया था. संक्रमण फैलने के डर से गुस्साई भीड़ ने न्यूरोसर्जन डॉक्टर साइमन हरक्यूलिस के शव को ले जा रही एंबुलेंस पर हमला कर दिया था. बाद में उनके सहयोगी डॉक्टर को फावड़े और दो वार्ड बॉय की मदद से ही आधी रात को शव को दफ़नाना पड़ा था. इस घटना के बाद तमिलनाडु सरकार को एक अध्यादेश लाने पर मजबूर होना पड़ा था, जिसके तहत कोरोना मृतकों के शव के अंतिम संस्कार में बाधा पहुंचाने वाले लोगों को तीन साल तक की सज़ा का प्रावधान किया गया.