सरकार द्वारा कोरोना वायरस के इलाज के रेट तय कर देने के बावजूद कई प्राइवेट हॉस्पिटल मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ताज़ा मामला हैदराबाद का है, जहां एक कोरोना से पीड़ित डॉक्टर को सिर्फ़ 30 घंटे के इलाज के लिए अस्पताल ने 1.5 लाख रुपये का बिल थमा दिया. पीड़ित ने ट्विटर पर अपना एक वीडियो शेयर कर रोते हुए सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

ट्विटर पर कोरोना वायरस से पीड़ित इस डॉक्टर का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वो रोते हुए बता रही हैं कि कैसे उन्हें सिर्फ़ 30 घंटे एडमिट किए जाने के बाद 1.50 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया. साथ ही उन्होंने बिल न भरने पर अस्पताल में ही बंधक बनाने का आरोप लगाया है.

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कोरोना से पीड़ित ये मरीज़ स्वयं एक डॉक्टर हैं, जो एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं. उन्हें 24 जून को कोरोना का संक्रमण हुआ था. इसके बाद वो घर में ही क्वारन्टीन हो गई थीं. मगर 2 जुलाई को उन्हें सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी. इसके बाद वो पास के ही प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हो गईं.

यहां अस्पताल वालों ने उन्हें सिर्फ 30 घंटे के इलाज के लिए लाखों का बिल थमा दिया और भुगतान न करने पर कथित तौर पर बंधक बनाए जाने की कोशिश की. पीड़ित डॉक्टर का नाम सुल्ताना है. उन्होंने जब इसकी शिकायत की तब जाकर अस्पताल वालों ने 1.20 लाख रुपये ले उन्हें जाने दिया.

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इसकी शिकायत सुल्ताना जी ने जब पुलिस को की तो उन्होंने भी हाथ खड़े करते हुए किसी भी प्रकार की हेल्प करने से मना कर दिया. इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर अपनी आपबीती सुनाई और सरकार से मदद की गुहार लगाई. साथ ही उन्होंने ठीक से इलाज न करने और अस्पताल के स्वच्छता के मानकों पर भी सवाल उठाए हैं.

इस वीडियो के सामने आने के बाद बीजेपी नेता रामचंद्र राव ने राज्य सरकार पर प्राइवेट अस्पतालों पर लगाम न कसने के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना के नाम पर अपनी मनमानी करने में जुटे हुए हैं.

अभी तक इस संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा कोई कदम उठाने की अपडेट नहीं मिली है.

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