“भांग रगड़ के पिया करू मैं कुण्डी सट्टे आला सु” ये एक मशहूर गाने के बोल हैं. और न जाने कितने ऐसे गाने और भजन हैं जो भांग और गांजे की भारतीय संस्कृति में रचे-बसे होने की तस्दीक करते हैं. चाहे वो चिलम फूंकते साधु-संत हो या होली पर भांग की सरकारी दुकानों के आगे भीड़, सब यही कहानी कहते हैं. 

जी हां, भारत में भांग ग़ैर-क़ानूनी नहीं है, मगर गांजा ग़ैर-क़ानूनी है. 1985 तक भारत में Marijuana यानी गांजा बिलकुल लीगल था. फिर राजीव गांधी सरकार ने इसे बैन कर दिया. ऐसा कहा जाता है कि ये क़दम अमेरिका के दवाब में उठाया गया था.

अब वक़्त बदल रहा है. दुनिया में कुछ देश गांजा को दवाइयों के रूप में लीगल कर रहें तो कुछ आनंद और मनोरंजन की दृष्टि से. कुछ देशों में इसको लीगल करने पर बहस चल रही है, जिनमें से भारत भी एक है.

भारतीय मीडिया में इन दिनों गांजे और इसके प्रयोग को लेकर जम कर बहस हो रही है. इससे गांजे को लीगल किये जाने की मांग जोर शोर से उठ रही है. आइये जानते हैं उन देशों के बारे जहां गांजा लीगल किया जा चुका है.

1. उरुग्वे 

2013 में ये दक्षिण अमेरिकी देश 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए गांजे को पूरी तरह से लीगल करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. गांजे को लोकल दवा दुकानों में बेचे जाने की अनुमति दे दी गयी. हालांकि सिर्फ़ उस देश के नागरिक ही इसे ख़रीद सकते हैं. इसके अलावा सरकार ने लोगों को घरों में इसके छह पौधों उगाने की अनुमति दे दी. साथ ही 45 सदस्यों तक की कोई सहकारी समिति अपने उपयोग के लिए 99 पौधों तक की खेती कर सकती है.  

NPR

2. कनाडा

2018 में जस्टिन ट्रूडो सरकार ने कनाडा में गांजे को लीगल कर दिया. दवाई के रूप में इसका उपयोग कनाडा में 2001 से से लीगल था. अब इसे मनोरंजन के लिए लीगल कर दिया गया. इस वर्ष जून में नशे के लिए लिए जाने वाले गांजे की मासिक खुदरा बिक्री लगभग $152.1 मिलियन तक पहुंच गई थी.

3. दक्षिण अफ्रीका

सितंबर 2018 में दक्षिण अफ़्रीका की संवैधानिक अदालत ने गांजे को क़ानूनी मान्यता दे दी. लोग अब निजी तौर पर गांजे का सेवन कर सकते हैं. यहां के नागरिक अपने व्यक्तिगत उपभोग के लिए भी गांजे की खेती भी कर सकते हैं. हालांकि, व्यक्तिगत स्थान (घर और खेत) के बाहर गांजे की बिक्री और उपयोग अभी भी ग़ैर-क़ानूनी है. इससे पहले सरकार ने इसे लीगल करने का विरोध किया था. 

Time Magzine

 4. संयुक्त राज्य अमेरिका

अमेरिका के कम से कम 11 राज्यों में मनोरंजक गतिविधियों के लिए गांजे का सेवन करना लीगल है. इन राज्यों में अलास्का, कैलिफ़ोर्निया, कोलोराडो, कोलंबिया, इलिनोइस, मेन, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, नेवादा, ओरेगन और वर्मोंट शामिल हैं. इसकी खेती और रखने की लिमिट को लेकर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग क़ानून है. इसके अलावा अमेरिका के 22 राज्यों में दवाओं के रूप में भांग का उपयोग बिलकुल लीगल है.

ABC News

5. इक्वाडोर

इस साल जून में इक्वाडोर अपने Comprehensive Organic Penal Code (COIP) में 127 संशोधन किए, जिसके बाद वहां गांजे की खेती और उसका उत्पादन लीगल हो गया. भांग और गांजे को लेकर आए इस नए क़ानून में 1% Tetrahydrocannabinol (THC) से कम वाले गांजे के उत्पादन पर लिमिट तय की गयी है. 2013 में सरकार ने क़ानून में बदलाव किया था जिसके तहत व्यक्तिगत उपयोग के लिए 10 ग्राम तक गांजा रखना लीगल कर दिया गया था. 

6. ऑस्ट्रेलिया 

दवाओं के रूप में गांजे का प्रयोग ऑस्ट्रेलिया में लीगल है. 24 फरवरी, 2016 को इस देश ने अपने नारकोटिक ड्रग्स एक्ट में संशोधन किया जिसके चलते दवाओं और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए गांजे की खेती लीगल हो गयी. फ़िलहाल, उत्तरी और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में गांजे के सेवन को ग़ैर-आपराधिक कृत्य करार दिया गया है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के राजधानी क्षेत्र में व्यक्तिगत उपयोग के लिए गांजा रखना वैध है मगर इसे बेचना अवैध है. 

The Telegraph

7. जर्मनी, इटली, फिनलैंड और ग्रीस 

इन यूरोपीय देशों में इलाज़ के संदर्भ में गांजे का उपयोग लीगल है. इसकी खेती और वितरण पर काफ़ी कड़ी निगरानी रखी जाती है. दवाओं के रूप में उपयोग के अलावा इनकी अलग बिक्री क़ानूनन अपराध की श्रेणी में आता है.

8. नीदरलैंड

नीदरलैंड के एम्स्टर्डम में गांजा सर्व करने वाले कैफ़े के बारे में आपने सुना होगा. यहां दवा के रूप में गांजा लीगल है. यहां के लाइसेंसधारी कॉफ़ी शॉप्स में मनोरंजन और आंनद के लिए गांजे की बिक्री और उसका सेवन वैध है. इसके अलावा कोई भी व्यक्ति अपने पास 5 ग्राम तक गांजा रख सकता है.  

9. श्रीलंका

यहां पर पारंपरिक दवा विक्रेताओं के द्वारा गांजे की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं है बशर्ते वो इसका इस्तेमाल पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाओं में करते हों. 1980 के दशक में औपनिवेशिक क़ानून में संशोधन और आयुर्वेद एक्ट के ज़रिए इसको लीगल कर दिया गया था.  

The News Minute

क्या आप भारत में गांजे को क़ानूनी मान्यता दिए जाने के पक्ष में हैं? कमेंट बॉक्स में अपने विचार हमें बताइए.