केरल और कर्नाटक में आई बाढ़ अब तक कई लोगों की ज़िंदगी छीन चुकी है. कर्नाटक के लगभग 22 ज़िले अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं. कर्नाटक के इस दर्दनाक मंज़र में एक ऐसे कपल की कहानी सामने आई है, जो भयंकर बाढ़ के बीच 3 दिन तक घर की छत और पेड़ पर ज़िंदगी गुज़ार रहा था.  

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ये किस्सा बेलागवी से लगभग 15 किमी दूर कबालपुरा गांव का है. जहां NDRF की टीम ने पहुंचकर 38 वर्षाय दिव्यांग कडप्पा बीजी और उसकी 35 वर्षीय पत्नी रत्नाबाई गिवेड़ी की जान बचाई. मदद के लिये पहुंची NDRF की टीम को देख कर दोनों पति-पत्नी बेहद ख़ुश और उत्साहित दिखाई दिये. कडप्पा और रत्नाबाई आम और गन्ने की खेती में काम कर एक किराये के घर पर ज़िंदगी बिता रहे थे.  

मुसीबत में ऐसे बचाई दोनों ने अपनी जान:

बाढ़ से अपनी जान बचाने के लिये ये दोनों पहले दिन फ़ॉर्म हाउस से निकल कर छत पर चले गये. वहीं दूसरे दिन कडप्पा ने अपनी पत्नी रत्नाबाई को बचाने के लिये शीट का इस्तेमाल किया. इसके बाद तीसरे दिन तक इनके पास रहने के लिये घर नहीं बचा था. इसलिये दोनों किसी तरह अपनी जान बचाते हुए आम के पेड़ पर चढ़ गये. हांलाकि, इस दौरान दोनों को छोटी-मोटी चोट भी आई.  

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वहीं NDRF की टीम ने इन्हें सुरक्षित बाहर निकाल इलाज के लिये नज़दीक के अस्पताल में एडमिट कराया. जहां दोनों के ट्रीटमेंट के बाद उन्हें छुट्टी दे गई और अब ये एक मंदिर में रह कर अपना जीवन बिता रहे हैं. कडप्पा बचपन से ही पोलियो से पीड़ित हैं और अब भी बाढ़ का भयानक मंजर उसे बुरी तरह से डरा देता है.  

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इसके साथ ही कडप्पा की पत्नी रत्नाबाई का कहना है कि ‘हमने कभी किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा और न ही किसी को धोखा दिया. मुझे लगता है इसलिये भगवान ने हमें बचा लिया’.  

यही नहीं, इस कपल ने इस दौरान यहां तक सोच लिया था कि अगर मौत आई, तो दोनों साथ मरेंगे. किसी ने सच ही कहा कि अगर आप किसी का बुरा नहीं करते, तो ऊपरवाला भी आपका बुरा नहीं होने देगा.