रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को 2018 में आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. बुधवार को देर रात मुंबई की एक अदालत ने ये फ़ैसला सुनाया है.
अर्नब ने ज़मानत की अर्ज़ी दाख़िल की है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हो सकती है.
बता दें, अर्नब गोस्वामी को बुधवार को मुंबई पुलिस ने उनके घर से गिरफ़्तार किया था. उन पर 2018 में एक इंटिरियर डिज़ाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है.
अलीबाग पुलिस ने धारा 306 और 34 के तहत गोस्वामी को गिरफ़्तार किया है. गिरफ़्तार करने के बाद गोस्वामी को मुंबई के पास रायगढ़ ज़िले के अलीबाग लाया गया और बाद में उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया.
वहीं, कोर्ट में अर्नब ने पुलिसवालों पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया. जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने पुलिस को अर्नब को मेडिकल जांच के लिए सिविल अस्पताल ले जाने का निर्देश दिया. मेडिकल जांच के बाद अर्नब को वापस सुनवाई के लिए कोर्ट लाया गया.
बता दें, साल 2018 में 53 साल के इंटिरियर डिज़ाइनर ने अपने ख़ुदकुशी नोट में आरोप लगाया था कि वो और उनकी मां ने आत्महत्या करने का फ़ैसला इसलिए किया है, क्योंकि अर्नब के साथ फ़िरोज़ शेख और नीतेश सारदा ने 5.40 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया था.
पुलिस के मुताबिक, रिपब्लिक टीवी द्वारा बकाया भुगतान न करने पर आर्किटेक्ट और उसकी मां ने 2018 में आत्महत्या कर ली थी.
हालांकि, 2019 में रायगढ़ पुलिस ने इस मामले को बंद कर दिया था. लेकिन बाद में नाइक की बेटी अदन्या की शिकायत पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने फिर से इस केस की जांच का आदेश दिया था.