कोविड- 19 से मारे गये लोगों के अंतिम संस्कार में बरती जा रही लापरवाही की कई दिल दहला देने वाली तस्वीरें और वीडियो हमने देखी.

तेलंगाना में कोविड- 19 से मारे गये लोगों के प्रति हमारे रवैया का एक और भयंकर चेहरा सामने आया है. 
Hindustan Times की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड- 19 से हार गये एक मरीज़ की एक तस्वीर सामने आई. मृतक को एक ऑटोरिक्शे में डालकर शमशान ले जाया गया.    

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बीते शुक्रवार को घटी ये घटना, शनिवार को बाहर आई जब ऑटोरिक्शा से बाहर लटक रही शव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. कई स्थानीय टीवी चैनल्स ने इस ख़बर को दिखाया.

तस्वीर में साफ़ देखा जा सकता है कि ऑटोरिक्शा चालक और उसके साथ बैठे व्यक्ति में से किसी ने भी PPE किट नहीं पहना हुआ था. कोविड- 19 मृतकों के अंतिम संस्कार करने और उन्हें शमशान ले जाने वालों के लिए PPE किट पहनना अनिवार्य है. 
ज़िलाधिकारी सी. नारायण रेड्डी ने मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके अलावा उस म्युनिसिपल कर्मचारी के कॉन्ट्रैक्ट को भी ख़त्म कर दिया गया जो ऑटोरिक्शे में शव को लेकर गया था.  

‘निज़ामाबाद अस्पताल में मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए सिर्फ़ 2 ऐंबुलेंस हैं शुक्रवार को 3 कोविड- 19 मरीज़ समेत 4 लोगों की मौत हुई. 2 बॉडी लेकर 2 ऐंबुलेंस निकल गये और 2 को पूरी तरह से पैक करके रखा गया था.’ 

-सी नारायण रेड्डी

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रेड्डी ने बताया कि अस्पताल ने मरीज़ के घरवालों को जानकारी दे दी और ऐंबुलेंस का 1 घंटे इंतज़ार किया लेकिन घरवाले ऑटोरिक्शे में बॉडी ले जाना चाहते थे. इसलिए अस्पताल अधिकारियों ने एक कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गये म्युनिसिपल कर्मचारी को बुलाया जो मृत के शरीर के साथ गया.


ANI के ट्वीट के अनुसार, निज़ामाबाद सरकारी अस्पताल के डॉ. एन. राव ने बताया कि मृतक का रिश्तेदार अस्पताल में ही काम करता था और उसने ऐंबुलेंस का इंतज़ार नहीं करना चाहता था.  

इस पूरे वाक्ये से कई सवाल उठते हैं. भले ही रिश्तेदार की इच्छा रही हो पर इस तरह से किसी मृतक का असम्मान करना और 2 लोगों को ख़तरे में डालना कहां की समझदारी है?