बायोगैस से चलने वाली 54 सीटों की बसों ने शुक्रवार से कोलकाता की सड़कों पर दौड़ना शुरू कर दिया है. ये बायोगैस से चलने वाली भारत की पहली बस सेवा होगी, साथ ही ये देश में सबसे सस्ती यात्री परिवहन सेवा भी साबित होगी.

बताया जा रहा है कि ये सेवा बेहद सस्ती है और इसके ज़रिए महज 1 रुपये में 17 किलोमीटर तक का सफ़र तय किया जा सकता है. कोलकाता में इस तरह की 15 और बसें चलाए जाने की योजना है.

इस सेवा को वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी फ़ीनिक्स इंडिया रिसर्च एंड डेवलपमेंट ग्रुप ने शरू किया है.

फ़ीनिक्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, ज्योति प्रकाश दास ने कहा, “हमने तीन साल पहले नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सेंट्रल सब्सिडी प्लान के तहत ये प्लानिंग की थी, जिसे आज साकार किया गया है. यह भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया में गोबर गैस से चलने वाली पहली बस है.”

इस बस को अशोक लीलैन्ड ने तैयार किया है. इन्हें बनाने में करीब 13 लाख रुपये की लागत आई है. इसे चलाने के लिए इस्तेमाल होने वाली गोबर गैस को बीरभूम ज़िले के दुबराजपुर स्थित कंपनी के ही प्लान्ट में तैयार किया जा रहा है. प्रति किलोग्राम गोबर गैस के उत्पादन में 20 रुपए का खर्च आता है. बस पर लगाये जाने वाले Ads से जो पैसा आएगा, उससे ड्राईवरों को तनख्वाह दी जाएगी.

इन बसों के संचालन के लिए कोलकाता में 100 बायोगैस स्टेशन बनाए जाएंगे. पहला स्टेशन अल्टदंगा में लगाया जाएगा.

बायोगैस जानवरों और पेड़-पौधों के वेस्ट से बनती है. इसमें मीथेन गैस होती है. इसकी ख़ासियत ये है कि इसके इस्तेमाल से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. इससे प्रदूषण की समस्या भी काबू में आने की उम्मीद की जा सकती है.