राजस्थान अल्वर के बाद एक और ख़बर के कारण भी चर्चा में है. ख़बर ये है कि राजस्थान के लोग गाय के दूध से ज़्यादा गौमूत्र ख़रीद रहे हैं.
कुछ रोज़ पहले गुजरात के जूनागढ़ एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ये दावा किया था कि गौमूत्र में कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारियों को ठीक करने की क्षमता होती है.

आलम ये है कि गौमूत्र यहां के थोक बाज़ारों में 30 रुपए लीटर बिक रहा है. इससे किसानों का मुनाफ़ा भी हो रहा है क्योंकि दूध 22 से 25 रुपए लीटर बिकता है.
TOI के मुताबिक, दूध व्यापारी ओम प्रकाश मीणा ने बताया,
मैं 1 लीटर गौमूत्र 30-50 रुपए में बेचता हूं. ओर्नेनिक फ़ार्मिंग करने वाले किसानों के बीच इसकी बहुत मांग है. कीटनाशक के स्थान पर ये लोग गौमूत्र का इस्तेमाल करते हैं.

महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रिकल्चर एंड टेकनॉलॉजी गौमूत्र ख़रीदने की रेस में सबसे आगे हैं. हर महीने ये विश्विद्यालय 300-500 लीटर गौमूत्र ऑर्गेनिक फ़ॉर्मिंग के लिए ख़रीदते हैं.
Business Fortnight के मुताबिक, राशन के दुकानों में छोटी बोतलों में बिक रहा है गौमूत्र, ठीक जूस और कोल्ड ड्रिंक्स के बगल में.

गौमूत्र के मेडिकल फ़ायदों को लेकर मंत्री और कुछ वैज्ञानिक बहुत से बयान दे चुके हैं, जो कितने सही हैं, इसका कुछ पता नहीं.
हमारी राय तो यही है कि सेवन करें भी तो संभलकर करें, गौमूत्र का दावा करके कुछ और भरकर भी बोतलों में पैक किया जा सकता है.