उत्तर-प्रदेश और उत्तराखंड के मुख़्यमंत्री रहे दिवंगत कांग्रेस नेता एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मौत की गुत्थी आख़िरकार सुलझ गयी है. इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रोहित की पत्नी अपूर्वा शेखर को गिरफ़्तार किया है.  

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दरअसल, रोहित की 15 अप्रैल की रात को संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई थी. हाई प्रोफ़ाइल केस होने के चलते पुलिस लगातार रोहित की पत्नी, भाई, रिश्तेदार और नौकरों से पूछताछ कर रही थी. आख़िरकार पुलिस ने सबूतों के दम पर अपूर्वा को गिरफ़्तार कर लिया है.  

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बताया जा रहा है कि रोहित अपनी महिला मित्र के साथ शराब पी रहा था जिसे अपूर्वा ने देख लिया. इसके बाद दोनों के बीच झगड़ा और भी बढ़ गया. हत्या वाली रात अपूर्वा और रोहित के बीच हाथापाई हुयी थी, जिसके बाद अपूर्वा ने रोहित की गला दबाकर हत्या कर दी. अपूर्वा के साथ हत्या में कोई और भी शामिल था या नहीं, पुलिस अब भी इस बात की जांच कर रही है.  

रोहित की मां ने लगाए थे अपूर्वा पर गंभीर आरोप 

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रोहित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कई तरह के चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक़ ये हत्या का मामला लग रहा है. सारे सबूत अपूर्वा के ख़िलाफ़ जा रहे हैं. क्राइम ब्रांच ने रोहित की मां उज्जवला शर्मा से भी पूछताछ की थी जिसमें उन्होंने ने आरोप लगाया था कि रोहित की पत्नी अपूर्वा और उसका पूरा परिवार रोहित की संपत्ति हड़पना चाहता है.  

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अपूर्वा शुरू से ही पुलिस को जांच से भटकाने के लिए तरह-तरह के बयान दे रही थी. अपूर्वा एक वकील है और काफ़ी सोच कर बयान दे रही थी. लेकिन इन्हें बार-बार बदलने के कारण पुलिस का उस पर शक गहरा हुआ. इसके बाद अपूर्वा का मोबाइल फ़ोन फ़ॉर्मेट हुआ मिला, जिसे वो छुपा नहीं पायी. 

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पूछताछ के दौरान अपूर्वा ने जिस महिला से रोहित के रिश्ते होने की बात कही थी, वो एनडी तिवारी के ओएसडी रहे राजीव की पत्नी हैं. दरअसल, राजीव अपनी पत्नी और बेटे के साथ उज्जवला शर्मा के साथ तिलक लेन स्थित इनके दूसरे घर में ही रहते है और पिछले 30 साल से परिवार की सेवा कर रहे हैं. 

रोहित की मौत का असली कारण प्रॉपर्टी विवाद था  

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उज्जवला शर्मा के मुताबिक, उनका बड़ा बेटा सिद्धार्थ अपने हिस्से की प्रॉपर्टी राजीव के बेटे को देना चाहता थे और इसी बात को लेकर अपूर्वा अकसर घर वालों से झगड़ा करती थी. 

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पुलिस को जांच में ये भी पता लगा है कि हत्या वाली रात रोहित के घर पर कुल छह लोग मौजूद थे. उनके घर से ना कोई बाहर आया और ना ही कोई अंदर गया. घर के अंदर और बाहर के सभी सीसीटीवी कैमरों में से दो कैमरे ख़राब थे. पुलिस को शक है कि इन कैमरों को जान बूझकर ख़राब किया गया था.  

इस केस की गुत्थी तो सुलझ गई है, लेकिन अभी और चीज़ें सामने आनी भी ज़रूरी हैं.