सरगोढ़ा के उपायुक्त लियाकत अली चट्टा ने बताया कि संरक्षक अब्दुल वहीद ने अली अहमद गुज्जर दरगाह में अपने अनुयायियों को चाकुओं से गोदकर और डंडों से पीट-पीट कर मार डाला है. इससे पहले उसने उन्हें बेहोशी की दवा दी थी. बताया जा रहा है कि अब्दुल वहीद मानसिक रूप से विक्षिप्त है.

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मृतकों में तीन महिलाएं और 17 पुरुष हैं. मृतकों में पांच लोग एक ही परिवार से थे. आरोपियों ने लोगों को निर्वस्त्र करने के बाद उनकी निर्दयता से हत्या कर दी. एक महिला भागकर हॉस्पिटल पहुंची और उसी ने सबसे पहले घटना की जानकारी पुलिस को दी.

यह घटना सरगोधा में दरबार मोहम्मद अली की दरगाह पर हुई. घटना के बाद घायलों को ज़िला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया.

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पुलिसकर्मी मोहम्मद एहसान ने बताया, “इन लोगों को मारने का सिलसिला शुक्रवार रात से शुरू हुआ, लेकिन पुलिस को शनिवार की रात सूचना मिली.”
उन्होंने दावा किया, “जैसे ही दरबार मोहम्मद अली को मानने वाले, दरगाह के केयरटेकर के पास पहुंचते थे, वह उन्हें नशीली दवा पिला देता था.”

लोग इस दरगाह पर अपने पाप धोने के लिए आते हैं और दरगाह की देख-रेख करने वालों को अपनी पिटाई करने की इजाज़त देते हैं. लेकिन इस मामले में पाप धोने की प्रक्रिया से पहले नशीली दवा दी गई और फिर छुरा घोंपा गया और डंडों से पिटाई की गई.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बिलाल इफ्तिखार के अनुसार, एक घायल व्यक्ति ने बताया कि दरगाह के कब्ज़े को लेकर देख-रेख करने वालों के दो गुटों में संघर्ष हो गया.

यह गांव एक छोटा-सा दरबार है, जिसके पीर की मृत्यु तीन साल पहले हो गई थी. संदिग्ध हत्यारा अब्दुल वहीद पंजाब चुनाव आयोग का सेवानिवृत्त डिप्टी डायरेक्टर है और अब दरबार में बिना रजिस्ट्रेशन के ख़लीफ़ा के पद पर काबिज़ है.

जांच के दौरान अब्दुल वहीद ने कबूल किया कि ‘अनुयायियों को इस संदेह में मार डाला गया कि वे अली अहमद गुज्जर नामक पिछले पीर को ज़हर देने की साजिश का हिस्सा थे.’