दुनिया के सबसे प्रभावशाली आर्ट-फ़ॉर्म में सिनेमा का नाम लिया जाता रहा है. फ़िल्मों को समाज का आइना भी कहा जाता है. लेकिन कुछ ही फ़िल्में ऐसी होती हैं जो समाज पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ जाने में कामयाब रहती हैं. कुछ सालों के अंतराल में कई ऐसी फ़िल्में आती रहीं हैं, जो समाज के बने-बनाए ढर्रे को अपने दम पर तोड़ने का माद्दा रखती हैं. हाल ही में आई फ़िल्म ‘दंगल’ ने भी कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है.

वाराणसी के तुलसी घाट में स्थित स्वामीनाथ अखाड़े का इतिहास 478 साल पुराना है. हर साल इस अखाड़े में नागपंचमी के अवसर पर कुश्ती के मैच होते हैं, जिन्हें दंगल कहा जाता है. लेकिन ये साल इस अखाड़े के लिए बेहद खास था क्योंकि 478 सालों में पहली बार इस प्राचीन अखाड़े में महिलाओं को भी अपना कुश्ती कौशल दिखाने का मौका मिला.

संकटमोचन फ़ाउंडेशन के आयोजक का कहना था कि ‘इसका श्रेय आमिर खान की ब्लॉकबस्टर फ़िल्म ‘दंगल’ को जाता है. वाराणसी और पास के क्षेत्रों की एक दर्जन से ज़्यादा लड़कियों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया’.

तुलसी घाट का नाम, 16वीं शताब्दी के महान हिंदू कवि, तुलसीदास के नाम पर पड़ा था. तुलसीदास ने वाराणसी में ही रामचरितमानस की रचना की थी. माना जाता है कि वो तुलसीदास ही थे जिन्होंने गंगा किनारे इस दंगल की शुरुआत की थी. ये प्राचीन अखाड़ा उसके बाद से ही चला आ रहा है और कल्लू पहलवान जैसे महान खिलाड़ी भी इस अखाड़े की ही देन हैं.

10 साल की पलक यादव ने बताया कि ‘मेरे लिए ये बेहद खुशी का पल था. मुझे ऐसी जगह कुश्ती लड़ने का मौका मिला था, जहां सालों पहले मेरे दादा ‘कल्लू पहलवान’ और उनके साथी कुश्ती लड़ा करते थे. पलक यूपी की उन लड़कियों में से हैं जिसने फ़िल्म ‘दंगल’ देखने के बाद कुश्ती को अपना करियर बनाने का फ़ैसला किया है’.

फ़िल्म ‘दंगल’ के अलावा इन स्टीरियोटाइप को तोड़ने का श्रेय डॉ. विशंभर नाथ मिश्रा को जाता है. डॉ. मिश्रा प्रोफ़ेसर हैं और वाराणसी के संकटमोचन मंदिर के महंत भी हैं.

विशंबर नाथ मिश्रा के भाई और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विजय नाथ मिश्रा ने बताया कि ‘वाराणसी में हमारा घर उस जगह स्थित है जहां रानी लक्ष्मीबाई का जन्म हुआ था. इस प्राचीन अखाड़े को महिलाओं के लिए खोल कर हम उन्हें इस खेल में आने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि लक्ष्मीबाई की वीरता और निर्भयता से प्रेरणा लेते हुए ये लड़कियां देश का नाम रौशन करेंगी.’ 

Source: DnaIndia