साध्वी प्रज्ञा ठाकुर. मालेगांव धमाकों में शामिल होने के शक़ में ATS प्रमुख हेमंत करकरे ने हिरासत में लिया था. कुछ दिनों पहले कोर्ट ने ज़मानत पर रिहा किया. सुबह बीजेपी में शामिल हुई और दिन ढलने से पहले बीजेपी ने भोपाल से टिकट दे दिया.


साध्वी प्रज्ञा ने हेमंत करकरे के बारे में एक सभा के दौरान कहा कि उसके श्राप की वजह से हेमंत करकरे की मृत्यु हुई.   

शाम तक साध्वी ने बयान वापस लेते हुए कहा कि देश के दुश्मनों को मेरे बयान से फ़ायदा हो रहा है इसलिए मैं अपना बयान वापस ले रही हूं और माफ़ी मांग रही हूं.


इसके पूरे वाकये पर देश का एक हिस्सा साध्वी की पैरवी कर रहा था तो दूसरा शहीद हेमंत करकरे से क्षमा मांग रहा था. 

मुंबई हमलों के लगभग 11 साल और साध्वी के बयान के लगभग 10 दिन बाद हेमंत करकरे की सबसे बड़ी बेटी, जुई नवारे ने चुप्पी तोड़ी है. Indian Express के मुताबिक जुई ने कहा  

मौत के पास पहुंचकर भी वो अपने शहर को, देश को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे थे और मैं चाहती हूं सब ये याद रखें.

-जुई नवारे

साध्वी प्रज्ञा के बयान पर जुई ने कहा, 

मैं उसके बयान को एहमियत नहीं देन चाहती. मैं सिर्फ़ हेमंत करकरे के बारे में बात करूंगी. वो रोल मॉडल थे और उनका नाम सम्मान से ही लिया जाना चाहिए.

-जुई नवारे

अपने पिता को याद करते हुए जुई ने आगे कहा, 

उन्होंने हमें सिखाया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. कोई धर्म दूसरों की हत्या करने की सीख नहीं देता. 24 साल के अपने करियर में उन्होंने सभी की सहायता की. उन्हें अपनी यूनिफ़ॉर्म से सबसे ज़्यादा प्यार था और उसको ख़ुद से, हम सब से पहले रखते थे.

-जुई नवारे

जुई अमेरिका में अपने पति और 2 बेटियों के साथ रहती हैं. मालेगांव ब्लास्ट पर जुई ने कहा, 

पापा उसकी जांच में पूरी तरह से मशगूल थे. मेरी मां को हमेशा उनकी ज़िन्दगी की चिंता लगी रहती थी.

-जुई नवारे

Economic Times

साध्वी प्रज्ञा को टिकट देने पर कई लोगों ने प्रश्न किया पर बीजेपी के कई दिग्गज इस निर्णय को सही ठहरा रहे हैं. रही बात हेमंत करकरे की, तो उनके मन में देशवासियों के लिए जो सम्मान है वो बना रहेगा. इसे किसी का बयान बदल नहीं सकता.