ज़रा सोचिए अगर किसी को अपने परिवार के सदस्य का आख़िरी बार चेहरा देखना तो दूर बल्क़ि अंतिम संस्कार करने तक का मौका न मिले? सोचकर ही दिल घबरा जाता है. जिस चीज़ की कल्पना करना भी मुश्क़िल है, वो दुख एक हॉस्पिटल की लापरवाही के चलते एक परिवार को भोगना पड़ा है.   

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दरअसल, दिल्ली AIIMS ट्रॉमा सेंटर में दो समुदायों की कोरोना संक्रमित महिलाओं के शव एक-दूसरे से बदल गए. हिंदू महिला का शव मुस्लिम परिवार के पास चला गया और मुस्लिम महिला के शव का पंजाबी बाग में अंतिम संस्कार कर दिया गया.   

इस बात का ख़ुलासा तब हुआ, जब हिंदू महिला के शव को दफ़नाने के लिए ले जाया गया. दफ़न करने से पहले परिवार ने आख़िरी बार चेहरा देखने के लिए अनुरोध किया तो मालूम पड़ा कि शव बदल गए हैं. उसके बाद परिवार ने हॉस्पटिल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया.   

मामले की गंभीरता को देखते हुए AIIMS के अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है. एक शख़्स को नौकरी से निकाल दिया गया है. वहीं, एक अन्य को सस्पेंड किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया गया है और शव बदलने के मामले की जांच की जा रही है.  

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बता दें, डेड बॉडीज को अस्पताल से पैक करके सौंप दिया जाता है और उन्हें खोलने की अनुमति नहीं होती है. शवों की पहचान करने के लिए मृतक का नाम या उस पर एक चिन्ह लिखा होता है. कोरोना से मरने वालों के शरीर बदलने के पहले भी कई मामलों सामने आए हैं. इससे पहले लोकनायक अस्पताल और AIIMS में भी शवों के अदला-बदली की शिकायतें थीं.