सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद भले ही दिल्ली में पटाखे बिकते नहीं दिखे. इसके बावजूद दिवाली के मौके पर कई इलाकों में आतिशबाज़ी का नज़ारा देखने को मिला, जिसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 16 गुना के आस-पास बढ़ गया. इसे भले ही हम किसी ख़ुशखबरी की तरह लें कि पिछली दिवाली की तुलना में इस साल शोर और वायु प्रदूषण में कमी देखने को मिली, पर अब भी हम चिंतामुक्त नहीं हुए हैं. भले ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछली दिवाली की तुलना में कम हो, पर अब भी वो खतरे के निशान से ऊपर ही था.

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‘द सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल दिवाली से अगले दिन 2016 की तुलना में कम प्रदूषित था. बीती रात दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 319 रिकॉर्ड किया गया, जो अपने आप में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को दिखाता है, पर पिछले साल 431 की तुलना में ये इस बार कम था.

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पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन के ऑनलाइन इंडिकेटर आंकड़ों को माने, तो हवा में प्रदूषण का स्तर लाल निशान के ऊपर था, जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ा. शाम 7 बजे इस स्तर में अचानक से बढ़ौतरी दर्ज की गई.

दिल्ली पॉल्यूशन कन्ट्रोल समिति ने RK Puram इलाके से दोपहर 2.5 पर 878 जबकि रात 10 बजे 1,179 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर पॉल्यूशन दर्ज किया. कुल मिला कर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 60 से 100 की लिमिट से 10 गुना ज़्यादा रहा.

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