हेड कांस्टेबल सीमा ढाका आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन (OTP) पाने वाली दिल्ली की पहली पुलिस अधिकारी बन गई हैं. इस प्रमोशन की वजह वो लापता 76 बच्चे हैं, जिन्हें उन्होंने 75 दिनों में ट्रेस करके ढूंढ निकाला. रिपोर्ट के मुताबिक, वो नार्थ डिस्ट्रिक के समयपुर बादली थाने में तैनात हैं. दिल्ली पुलिस की इस जाबांज़ पुलिस अफ़सर ने लापता बच्चों को ट्रेस करके उन्हें एक नई ज़िंदगी जीने का अवसर दिया है.  

इसके लिये दिल्ली पुलिस ने उन्हें एक स्कीम के तहत सम्मानित किया है. सीमा ढाका ने पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के बच्चों को ईमानदारी से ढूंढने का प्रयास किया और सफ़ल भी रही. ढूंढे गये बच्चों में 56 बच्चे 14 साल से कम उम्र के थे. सीमा हमेशा पुलिस में आने की इच्छा रखती थीं और 2006 में उन्होंने ये कर भी दिखाया.  

एक इंटरव्यू के दौरान सीमा ने इस ईनाम और सम्मान के लिये ख़ुशी व्यक्त की है. सीमा का कहना है कि उन्होंने इतनी जल्दी असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर बनने की उम्मीद नहीं की थी.  

क्या है ये ख़ास स्कीम?

पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने अगस्त महीने में आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन की घोषणा की थी. बस इसी ऐलान के बाद सीमा ढाका ने सीनियर अधिकारियों से लापता बच्चों का केस उन्हें देने का निवेदन किया. अधिकारियों ने भी उन्हें केस देने में संकोच नहीं किया और आज हर ओर सीमा ढाका की तारीफ़ हो रही है.

सीमा ढाका का परिचय क़ाबिलियत और ईमानदारी का परिचय देने वाली सीमा ढाका यूपी के बड़ौत की रहने वाली हैं. वो एक किसान की बेटी हैं. वहीं भाई प्राइवेट नौकरी करता है. सीमा अपने गांव की पहली ऐसी लड़की बन गई थी, जो अकेले साइकिल से सफ़र करके कॉलेज पढ़ने जाती थीं. उनका कॉलेज गांव से लगभग 6 किमी दूर था. वो बताती हैं कि गांव में लोग एक-दूसरे की हिफ़ाज़त को तैयार रहते हैं. वहीं दिल्ली में उन्हें ये चीज़ देखने को नहीं मिली. इस शहर में हर कोई बस ख़ुद में बिज़ी रहता है. 

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पुलिस में कैसे आईं? 76 लापता बच्चों को ढूंढने वाली सीमा के घर में अधिकतर लोग टीचर हैं और एक समय में वो भी टीचर बनने का सोच रही थीं. दिल्ली पुलिस का फ़ॉर्म उन्होंने मस्ती में भरा था, लेकिन जब वो सेलेक्ट हुई तो उन्हें लगा कि वो इसमें कुछ बेहतर कर सकती हैं. इतना ही नहीं, सीमा अपने कॉलेज की इक़लौती ऐसी स्टूडेंट थी, जिनका पुलिस में सलेक्शन हुआ था. सीमा के पति अनिक ढाका भी पुलिस में हैं. अब सीमा ख़ुद को पहले से ज़्यादा मज़बूत और हिम्मती मानती हैं.