हेड कांस्टेबल सीमा ढाका आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन (OTP) पाने वाली दिल्ली की पहली पुलिस अधिकारी बन गई हैं. इस प्रमोशन की वजह वो लापता 76 बच्चे हैं, जिन्हें उन्होंने 75 दिनों में ट्रेस करके ढूंढ निकाला. रिपोर्ट के मुताबिक, वो नार्थ डिस्ट्रिक के समयपुर बादली थाने में तैनात हैं. दिल्ली पुलिस की इस जाबांज़ पुलिस अफ़सर ने लापता बच्चों को ट्रेस करके उन्हें एक नई ज़िंदगी जीने का अवसर दिया है.
इसके लिये दिल्ली पुलिस ने उन्हें एक स्कीम के तहत सम्मानित किया है. सीमा ढाका ने पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के बच्चों को ईमानदारी से ढूंढने का प्रयास किया और सफ़ल भी रही. ढूंढे गये बच्चों में 56 बच्चे 14 साल से कम उम्र के थे. सीमा हमेशा पुलिस में आने की इच्छा रखती थीं और 2006 में उन्होंने ये कर भी दिखाया.
WHC Seema Dhaka is currently posted in the Outer North District. She has been granted Promotion out-of-turn by CP Delhi for recovery of 76 missing children in the last 3 months @CPDelhi @LtGovDelhi @PMOIndia @HMOIndia #WearAMask #SocialDistancing #WashYourHands pic.twitter.com/NvX54FA0a6
— #DilKiPolice Delhi Police (@DelhiPolice) November 18, 2020
एक इंटरव्यू के दौरान सीमा ने इस ईनाम और सम्मान के लिये ख़ुशी व्यक्त की है. सीमा का कहना है कि उन्होंने इतनी जल्दी असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर बनने की उम्मीद नहीं की थी.
Women HC Seema Dhaka, PS Samaypur Badli, deserves congratulations for being the first police person to be promoted out of turn for recovering 56 children in 3 months under incentive scheme. Hats off to fighting spirit and joy brought to families. @LtGovDelhi @HMOIndia @PMOIndia
— CP Delhi #DilKiPolice (@CPDelhi) November 18, 2020
❤️🙏🏽thank you Seema Dhaka 💕 https://t.co/BdgBFBFm5C
— TheRichaChadha (@RichaChadha) November 18, 2020
क्या है ये ख़ास स्कीम?
Delhi Police’s Seema Dhaka awarded rank of Assistant Sub-Inspector by Police Commissioner, as out-of-turn promotion for tracing 76 missing children pic.twitter.com/3y0OlhbeHO
— The Times Of India (@timesofindia) November 19, 2020
सीमा ढाका का परिचय क़ाबिलियत और ईमानदारी का परिचय देने वाली सीमा ढाका यूपी के बड़ौत की रहने वाली हैं. वो एक किसान की बेटी हैं. वहीं भाई प्राइवेट नौकरी करता है. सीमा अपने गांव की पहली ऐसी लड़की बन गई थी, जो अकेले साइकिल से सफ़र करके कॉलेज पढ़ने जाती थीं. उनका कॉलेज गांव से लगभग 6 किमी दूर था. वो बताती हैं कि गांव में लोग एक-दूसरे की हिफ़ाज़त को तैयार रहते हैं. वहीं दिल्ली में उन्हें ये चीज़ देखने को नहीं मिली. इस शहर में हर कोई बस ख़ुद में बिज़ी रहता है.
पुलिस में कैसे आईं? 76 लापता बच्चों को ढूंढने वाली सीमा के घर में अधिकतर लोग टीचर हैं और एक समय में वो भी टीचर बनने का सोच रही थीं. दिल्ली पुलिस का फ़ॉर्म उन्होंने मस्ती में भरा था, लेकिन जब वो सेलेक्ट हुई तो उन्हें लगा कि वो इसमें कुछ बेहतर कर सकती हैं. इतना ही नहीं, सीमा अपने कॉलेज की इक़लौती ऐसी स्टूडेंट थी, जिनका पुलिस में सलेक्शन हुआ था. सीमा के पति अनिक ढाका भी पुलिस में हैं. अब सीमा ख़ुद को पहले से ज़्यादा मज़बूत और हिम्मती मानती हैं.