रील लाइफ़ में अकसर फिल्मों में देखा गया है कि परिवार का कोई एक सदस्य ग़लत राह चुन कर अपराध की दुनिया में निकल जाता है, लेकिन इस रियल लाइफ़ कहानी ने तो अपराध के सभी ब्लॉकबस्टर रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
राजधानी दिल्ली में गाड़ियों की चोरी, छीना झपटी, जबरन वसूली, पानी माफ़िया, हत्या और अवैध रूप से शराब बेचने जैसे कई अपराध करने के लिए, एक 62 वर्षीय महिला और उसके 6 बेटे तिहाड़ जेल में सज़ा काट रहे हैं. इसी साल जून महीने में, सातवें बेटे को चोरी करने के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार करके जुवेनाइल डिटेंशन होम भेजा गया. अगर इनके सभी अपराधों की गिनती करी जाए तो सेंचुरी पूरी हो जायेगी.
वर्ष 2000 में ये परिवार धौलपुर, राजस्थान छोड़ कर दिल्ली के संगम विहार इलाके में आ कर बस गया, जो शहर की सबसे बड़ी अनाधिकृत कॉलोनियों में से एक है. और बस उसी समय से शुरू हो गया इनके अपराधों का सिलसिला. इस परिवार की सबसे पुरानी और अनुभवी खिलाड़ी हैं बसीरन जिनके 11 बच्चे हैं. सात बेटे और चार बेटियां. बसीरन के खिलाफ़ तीन आपराधिक मामले हैं और वो इस समय बन्दूक की नोक पर बीस हज़ार रुपये की जबरन वसूली के आरोप में तिहाड़ जेल की काल कोठरी में बंद है.
बसीरन एक गृहिणी है और उसके सभी बेटों की उम्र 15 साल से 38 साल के बीच है. इनके बेटों का तो जैसे एक-दूसरे से ज़्यादा अपराध करने में फुल कॉम्पिटिशन है. अगर बेटे वकील को डकैती और दंगों के दस आरोपों का सामना करना पड़ रहा है, तो शकील के खिलाफ़ पंद्रह मामले हैं. शमीम उर्फ़ गूंगा, जो अपनी मां के अनुपस्थिति में गिरोह का नेता है, उसके नाम 61 केस दर्ज हैं. 26 वर्षीय सनी पर चार मामले हैं और 21वर्षीय फैज़ल के नाम तीन. भाई राहुल, जो अभी 19 वर्ष का है, उस पे तो 18वें जन्मदिन के फ़ौरन बाद ही हत्या का आरोप लग गया था.
जहां बसीरन और उसके सभी बेटे, सुबह शाम, रात दिन एक अपराधी का जीवन जी रहे हैं, वहीं बसीरन के पति मलखान सिंह और चारों बेटियां किसी भी अपराध का हिस्सा नहीं हैं. इनमें से दो बेटियों की शादी भी हो चुकी है. पड़ोसियों का कहना है कि 64 वर्षीय मलखान सिंह, पास ही के जंगल में अपनी बकरियां चरा कर एक सामान्य जीवन गुज़ारते हैं.
पुलिस रिकॉर्ड्स के अनुसार, वर्ष 2004 से 2017 तक ये परिवार एक से एक गंभीर प्रकार की अवैध गतिविधियों में शामिल रहा है. संगम विहार पुलिस थाना प्रभारी उपेंद्र सिंह ने कहा, ‘हमने बसीरन के कुछ बेटों पर दबाव डाला कि वो जहां भी छुपे हैं बाहर आएं और फिर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया.’