अगर आपको पता चले कि जिस स्पेशल ड्रेस को आप अपनी शादी पर पहनने जा रहे हैं, उसमें कुछ खामियां आ गई है तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? ज़ाहिर है, आप गुस्से और फ़्रस्ट्रेशन से भर उठेंगे लेकिन दिल्ली में रहने वाली एक महिला ने जो किया, वो कुछ अलग ही स्तर पर था
दिल्ली की एक महिला ने अपनी शादी के लिए खास लहंगा सिलवाया था. लेकिन ये लहंगा महिला को दो इंच छोटा पड़ रहा था. अपनी शादी पर तो महिला को शर्मिंदगी उठानी ही पड़ी, कंपनी लगातार इस महिला की मदद करने की जगह उन्हें टरकाती रही. यही कारण था कि महिला ने कंपनी पर केस भी कर दिया और उसे जीत भी लिया.

8 साल चली इस लड़ाई में चांदनी चौक ब्राइडल स्टूडियो को लहंगे की कीमत यानि 64,000 रूपए महिला को अदा करने पड़े. इसके अलावा दिल्ली स्टेट कंज्यूमर डिस्पुट्स कमीशन ने स्टूडियो को निर्देश दिया कि महिला को हैरेसमेंट और शर्मिंदगी सहने के लिए 50,000 रूपए की अतिरिक्त राशि भी दी जाए.यही नहीं, स्टूडियो को कंज्यूमर वेल्फ़ेयर फ़ंड में दंड के तौर पर भी पांच लाख रूपए भरने होंगे.
कोर्ट के सदस्य एनपी कौशिक का कहना था महिला को अपनी शादी के दिन अपने नॉर्मल साइज़ से छोटा लहंगा पहनने की शर्मिंदगी उठानी पड़ी. इस दंपति का मानसिक शोषण तब और बढ़ गया जब स्टोर के एक कर्मचारी ने लहंगे की लंबाई बढ़ाने के लिए एक ऐसा जॉइंट लगा दिया जिससे वो पहनने लायक ही नहीं बचा. इसके अलावा ये लहंगा ठीक कराने के लिए पैसे भी मांगे गए.
गौरतलब है कि 2008 में जब महिला की शादी होने जा रही थी तो उसने स्टूडियो में इस लहंगे को पहनकर एक ट्रायल दिया था. उस समय ये लहंगा 2 इंच छोटा था और समान रूप से गोलाकार नहीं था. स्टूडियो ने महिला को विश्वास दिलाया कि शादी से पहले लहंगे की ऊंचाई को ठीक कर दिया जाएगा. जब स्टूडियो से ये लहंगा वापस आया तो महिला ने इसे ठीक समझने की गलती कर दी और इस लहंगे को ट्राई ही नहीं किया. इसकी जगह उसने अपने लहंगे को शादी के दिन ही पहनने का फ़ैसला किया.

लेकिन शादी के दिन इस महिला के होश फ़ाख्ता हो गए जब उसने देखा कि उसका लहंगा अब भी दो इंच छोटा था, लेकिन महिला के पास कोई चारा नहीं बचा था. ऐसे में अपनी शादी के दौरान खुश होने के बजाए महिला शर्मिंदगी महसूस करती रही. शादी के कुछ दिनों बाद जब ये महिला अपने लहंगे को ठीक कराने के लिए वापस गई तो स्टोर के मैनेजर ने लहंगा रख लिया. इसके अलावा वर्कलोड और स्टाफ़ की कमी का बहाना बनाते हुए कई दिनों तक इस लहंगे के काम को अटकाए रखा
आखिरकार जब ये लहंगा ठीक होकर वापस आया तो इसकी लंबाई तो ठीक हो चुकी थी लेकिन ड्रेस पर एक जॉइंट लगा देने की वजह से ये अब पहनने लायक नहीं बचा था. महिला अब अपना धैर्य खो चुकी थी, उसने इस मामले में स्टूडियो की शिकायत की और हैरेसमेंट का केस ठोंक दिया. 8 साल बाद आखिरकार महिला को इंसाफ़ मिल ही गया हालांकि कोर्ट ने इस मामले में निराशा भी जताई कि छोटे से मामले को निपटाने के लिए आठ सालों का लंबा वक्त लग गया.