दिल्ली सरकार अब फ़ेक न्यूज़ को लेकर सख़्त हो गई है. ख़ास तौर पर वॉट्सएप, फेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम पर नफ़रत फ़ैलाने वाले पोस्ट और भड़काऊ संदेशों को लेकर सरकार ने सख़्त कार्रवाई का मन बना लिया है. अब अगर कोई फ़ेक न्यूज़ को आगे बढ़ाते या ऐसे मैसेज को शेयर करते पकड़ा जाएगा, जिनसे तनाव और हिंसा को बढ़ावा मिले तो उसे 3 साल तक की जेल हो सकती है.

दिल्ली विधानसभा की ओर से गठित शांति और सौहार्द कमेटी ने एक वॉट्सएप और ईमेट सर्विस भी लॉन्च की है. यहां लोग भड़काऊ मेसेज आने पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. साथ ही अगर किसी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज होती है तो उसे 10 हज़ार रुपये का ईनाम भी मिलेगा.

वॉट्सएप नंबर और ईमेल एड्रेस दिल्ली के प्रमुख अख़बारों में फ़ुल पेज के विज्ञापन में निकले हैं. विज्ञापन में छपा है, ‘अगर आपको वॉट्सएप या किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म (फ़ेसबुर, ट्विटर, इंस्टाग्राम) पर सांप्रदायिक भड़काऊ संदेश या वीडियो साजा करने वाला कोई शख़्स मिलता है, तो तुरंत स्क्रीनशॉट या वीडियो हमें भेजें.’

हाल ही में कमेटी ने फ़ेक न्यूज़ के ख़िलाफ़ मुहिम की शुरुआत की थी. कहा गया था, जो भी ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ रिपोर्ट करेगा उसे रिवॉर्ड दिया जाएगा. कमेटी ने पहले ही साफ़ कर दिया है कि रिपोर्ट हुए मैसेज आगे की कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को भेजे जाएंगे.

आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, ‘हम लोगों को बताएंगे कि अगर किसी ने फ़ेक न्यूज़, नफ़रत फ़ैलान वाली सामग्री या अफ़वाह फैलाई, जो दो समुदायों के बीच दुश्मनी का कारण बन सकती है, तो ये एक आपराधिक कार्य होगा और ऐसे में 3 साल तक की जेल हो सकती है. हम रेडियो, समाचार-पत्रों और अन्य मीडिया प्लेटफार्मों में अभियान के ज़रिये अभियना चलाकर लोगों को जागरूक करेंगे.

बता दें, ये निर्णय उत्तर-पूर्वी दिल्ली में बीते दिनों हुई हिंसा के बाद आया है. दिल्ली में दंगों के दौरान 45 लोगों की जान गई थी. इस दौरान कई फ़ेक न्यूज़ भी तेज़ी से सर्कुलेट हुई थीं. तमाम तरह की अफ़वाहों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पटे पड़े थे. एक अफ़वाह दंगों की तब भी फ़ैली थी, जब सबकुछ शांत था. अफ़वाह फ़ैलते ही अफ़रा-तफ़री का माहौल हो गया था. भगदड़ में एक आदमी की मौत भी हो गई थी.