आप जो फुटवियर पहनते हैं, उसमें अगर Back स्ट्रैप नहीं है, तो आप उसे क्या कहेंगे? अगर आप चप्पल कहेंगे, तो माफ़ कीजियेगा आप ग़लत हैं. दिल्ली हाई कोर्ट के हिसाब से बिना स्ट्रैप के कोई भी फुटवियर चप्पल नहीं सैंडल कहलाया जाएगा.

वैसे हाई कोर्ट के इस फ़ैसले ने भारत के कई दफ़्तरों की दिक्कत दूर कर दी है. कई ऑफिस में चप्पल पहनना मना होता है, लेकिन अब दिल्ली हाई कोर्ट के हिसाब से आप बिना स्ट्रैप के कोई भी फुटवियर पहनते हैं, तो वो सैंडल कहलाएगी और ऑफिस में कोई आपको टोके, तो उसे आप ये दलील दे सकते हैं.

मामला एक केस का है, जिसमें चेन्नई बेस्ड फुटवियर मैन्युफैक्चरर कंपनी, Wishall International ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कि उनकी कंपनी सैंडल बनाती है, और इस हिसाब से उन्हें कस्टम ड्यूटी पर 10 परसेंट की छूट (Rebate) मिलनी चाहिए. भारतीय कस्टम ड्यूटी के हिसाब से सैंडल पर कस्टम ड्यूटी की 10 परसेंट छूट मिलती है और चप्पल पर 5 परसेंट. इसलिए उन्हें भी 10 परसेंट रिबेट मिलना चाहिए क्योंकि उनकी कंपनी सैंडल बनाती है.

इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जो जवाब दिया, उसने आज सभी ट्विटरवासियों को बिज़ी रखा. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि कोई भी फुटवियर, जिसमें बैक स्टैप नहीं है, वो सैंडल होती है, चप्पल नहीं!

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