दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हुई हिंसा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को भड़काऊ वीडियो देखने के साथ ही उचित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान उस पुलिस अधिकारी का नाम भी पूछा, जो भाजपा नेता कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण के दौरान वहां मौजूद था. दिल्ली में सोमवार को हुई हिंसा में अब तक कुल 24 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए 5 आइपीएस अफ़सरों का तबादला कर दिया है.

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इस मामले को लेकर आज दिल्ली हाई कोर्ट में पूरे दिन सुनवाई चली और शाम 4 बजे के क़रीब हाईकोर्ट ने भड़काऊ बयान के मामले FIR दर्ज नहीं होने को लेकर कहा पुलिस और कितनी मौतों का इंतज़ार है? और कितने नुक़सान का इंतज़ार किया जाए? इस मामले में कल भी दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी.

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इस दौरान हाई कोर्ट ने स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन से कहा कि आप कमिश्नर के पास जाकर उन्हें बताइये कि हाई कोर्ट के निर्देशनुसार ऐसे सभी मामलों में FIR दर्ज़ हो. जितने भी भड़काऊ वीडियो हैं उनमें मामला दर्ज कीजिये. ऐसे हालातों से हमें भी पीड़ा हो रही है. हम नहीं चाहते कि दिल्ली में एक बार फिर से 84 के दंगों जैसे हालात बनें.

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हाईकोर्ट ने साथ ही कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हिंसा प्रभावित इलाकों में दौरा करें और लोगों में विश्वास जगाने की कोशिश करें.

आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बीजेपी के चार नेताओं कपिल मिश्रा, अभय वर्मा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के बयान का वीडियो चलाया गया.

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इस दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि, क्या किसी नेता ने कथित आपत्तिजनक बयान से इंकार किया है? इस पर उन्होंने कहा नहीं, वे इसमें गर्व महसूस करते हैं. इस दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट के समक्ष उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की.

दिल्ली सरकार के के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट में ये दलील भी दी कि 3 बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज न करने का कोई कारण नहीं है. इस पर सॉलीसिटर जनरल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना था कि हाईकोर्ट को इस मामले में अधिकारियों के जवाब का इंतज़ार करना चाहिए क्योंकि अभी कोई निर्णय लेने से स्थिति बिगड़ सकती है.

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उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों चांद बाग, जाफ़राबाद, भजनपुरा, यमुना विहार और मौजपुर में सुरक्षा बलों ने बुधवार को फ़्लैग मार्च निकाला. इस इलाके में सोमवार को हुई हिंसा, भीड़ द्वारा दुकानों में लूटपाट करने और संपत्तियों को आग के हवाले किए जाने के बाद आज तीसरे दिन भी सभी दुकानें व स्कूल बंद रहे.

मंगलवार रात दिल्ली के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और घायलों के इलाज के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के जज, जस्टिस एस.मुरलीधर के घर पर रात 12:30 बजे सुनवाई हुई थी. इस मीटिंग में जॉइंट कमिश्नर आलोक कुमार और डीसीपी (क्राइम) राजेश देओ थे. दिल्ली सरकार के काउंसिल, संजय घोष भी इस सुनवाई में मौजूद थे.