दिल्ली मेट्रो में जल्द ही ऐसी महिला कमांडोज़ तैनात होने वाली हैं, जो पेन और बेल्ट से ही आतंकवादी संदिग्धों का मुक़ाबला कर सकती हैं और उन्हें धूल चटा सकती हैं. ये कमांडो मार्शल आर्ट में पारंगत हैं और कठिन से कठिन परिस्थितियों में काम कर पाने में सक्षम हैं. इन्हें 90 नए स्टेशनों पर तैनात किया जायेगा.
मेट्रो के विस्तार के तीसरे चरण के अंतर्गत ये नए स्टेशन बनाये जा रहे हैं. इनके अगले साल तक खुलने का अनुमान है. ये महिलाएं कठिन प्रशिक्षण के बाद यहां आई हैं. महिला यात्रियों की सुरक्षा से लेकर आतंकवाद जैसे चरम खतरों से निपटने में भी ये सक्षम हैं.
दिल्ली मेट्रो और भारत के हवाई अड्डों को सुरक्षा कवर प्रदान करने वाली एजेंसी, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने कहा कि पहले महिला गार्ड केवल तलाशी का ही काम करती थीं, लेकिन अब उन्हें ट्रेनिंग के ज़रिये अन्य कामों के लिए भी तैयार किया जा रहा है.
महिला कमांडोज़ की ट्रेनिंग में Filipino मार्शल आर्ट को भी शामिल किया गया है. ये पेन, जूतों की लेस, बेल्ट, चाबी जैसी चीज़ों से भी संदिग्ध को धराशाई कर सकती हैं. इतना ही नहीं, ट्रेनिंग के दौरान उन्हें बिना खाने के जंगल में भी छोड़ दिया जाता है, ताकि वो ऐसी परिस्थितियों में भी काम करना सीख पाएं. मार्शल आर्ट Pekiti-Tirsia Kali की ट्रेनिंग देकर इन्हें संदिग्धों को ज़िन्दा पकड़ना भी सिखाया गया है, ताकि उनसे ज़रूरी जानकारी निकलवायी जा सके.
इस वक़्त, 160 मेट्रो स्टेशनों पर 5,000 CISF कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें 800 महिलाऐं शामिल हैं. फेज़ 3 के लिए 3,500 और कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी, जिनमें 1,000 महिलाएं होंगी. CISF हेरिटेज लाइन के पांच स्टेशनों पर 251 कर्मचारियों की नियुक्ति कर रहा है.