इस शहर को हुआ क्या है? हर जगह इतना प्रदूषण क्यों है? 

जी हां दिल्ली की आबोहवा एक बार फिर से बेहद ख़राब लेवल पर पहुंच गई है. बुधवार को दिल्ली-NCR में ‘एयर क्वॉलिटी इंडेक्स’ 299 दर्ज़ किया गया है. जबकि 15 दिन पहले दिल्ली-NCR की हवा की स्थिति बेहद अच्छी थी, लेकिन कुछ ही दिन बाद ये बेहद गंभीर हो चुकी है. 

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इस दौरान दिल्ली सरकार ने ‘नासा’ की एक तस्वीर शेयर की जिसमें दिल्ली-NCR में प्रदूषण की स्थिति किस स्थित में पहुंच चुकी है ये आप साफ़ देख सकते हैं. 

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बुधवार को राजधानी दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों ‘ख़राब’ हालत में रहे. ये आंकड़ा दिल्ली के लोधी रोड एरिया का है. द्वारका की बात करें तो यहां औसत एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 272 रहता है जो मंगलवार रात 9 बजे तक 480 यानी ‘गंभीर’ स्थिति में पहुंच गया था. दिल्ली में बाकी जगहों जैसे सिरी फ़ोर्ट (387), रोहिणी (348), नेहरू नगर (332) में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही. 

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दिल्ली-NCR की बात करें तो बुधवार को गाज़ियाबाद में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (322), नोएडा में (326) जबकि गुड़गांव में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (326) दर्ज़ किया गया. जो बेहद ख़राब कैटेगरी में आता है. दिल्ली-NCR में ये हालात तब हैं जब प्रदूषण कम करने के लिए तीनों राज्य सरकारें कोशिश में लगी हुई हैं.   

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बाते मंगलवार से दिल्ली-NCR में प्रदूषण घटाने के लिए Graded Response Action Plan (GRAP) नियम लागू किया गया है. लेकिन पहले ही दिन इस नियम की जमकर हवा निकली. वो भी जहरीली वाली हवा. मतलब ये कि इसका कोई असर देखने को नहीं मिला. इस नियम के लागू होने के बाद प्रदूषण और बढ़ गया. 

इस दौरान गाज़ियाबाद-ग्रेटर नोएडा की आबोहवा ‘बेहद ख़राब’ दर्ज हुई. इसकी मुख़्य वजह GRAP के नियमों का कड़ाई से लागू न होना भी रहा. दिल्ली-NCR में मंगलवार से ही धूल उड़ाना, कूड़ा जलाना और जेनरेटरों चलाने पर बैन था. बावजूद लोगों ने इस नियम का जमकर उलंघन किया. 

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इस दौरान पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर पराली जलाने के मामले भी सामने आ रहे हैं. हालांकि, जानकार मानते हैं कि इसका फिलहाल दिल्ली के मौसम पर उतना असर दिखाई नहीं देगा. 

बता दें कि ‘एयर क्वॉलिटी इंडेक्स’ 0 से 50 के बीच होने पर ‘अच्छा’ होता है, जबकि 51 से 100 के बीच होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘ख़राब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत ख़राब’ और 401 और 500 के बीच होने पर उसे ‘गंभीर’ समझा जाता है.   

केंद्र की संस्था ‘सफ़र’ की मानें तो अगले दो दिनों में एयर क्वॉलिटी ख़राब और बेहद ख़राब कैटिगरी के बीच झूलती रहेगी.