दिल्ली पुलिस ने ‘किसान आंदोलन’ के समर्थन में ट्वीट करने वाली स्वीडन की 18 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ख़िलाफ़ FIR दर्ज की है. ‘किसान आंदोलन’ को अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना का समर्थन मिलने के बाद ग्रेटा थनबर्ग ने भी समर्थन में एक ट्वीट किया था.
#Breaking | Delhi Police to file an FIR against Greta Thunberg over tweets on farmers’ protests.
— TIMES NOW (@TimesNow) February 4, 2021
Details by Priyank Tripathi. pic.twitter.com/ixpImdeAhp
ग्रेटा के इस ट्वीट के बाद से भारत में इसका ज़ोरदार विरोध हो रहा है. दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग ग्रेटा पर आईपीसी की धारा 153 A और 120B के तहत FIR दर्ज की है. दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा के ख़िलाफ़ उनके कई ट्वीट्स पर संज्ञान लिया है, जिन्हें भड़काऊ करार दिया जा रहा है. FIR दर्ज होने के बाद भी ग्रेटा थनबर्ग ने कहा है कि वो अब भी किसान आंदोलन के साथ हैं.
I still #StandWithFarmers and support their peaceful protest.
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 4, 2021
No amount of hate, threats or violations of human rights will ever change that. #FarmersProtest
दरअसल, ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के समर्थन में किए गए अपने ट्वीट में भारत की सत्तारुढ़ पार्टी पर सवाल खड़े किए थे. ग्रेटा ने ट्वीट कर कहा था भारत सरकार पर किस तरह दबाव बनाया जा सकता है, इसके लिए उन्होंने अपनी कार्य योजना से संबंधित एक दस्तावेज़ भी साझा किया, जो भारत विरोधी प्रोपेगेंडा मुहिम की हिस्सा हैं, जिसकी काफ़ी निंदा भी हो रही है.

बता दें कि विदेश मंत्रालय द्वारा इसे लेकर बुधवार को एक बयान भी जारी किया गया था. इस दौरान विदेश मंत्रालय ने कहा कि, ये देखकर दुख हुआ कि कुछ संगठन और लोग अपना एजेंडा थोपने के लिए इस तरह का बयान जारी कर रहे हैं. किसी भी तरह का कमेंट करने से पहले तथ्यों और परिस्थितियों की जांच करना जरूरी है. ऐसी स्थिति में किसी भी सेलेब्रिटी द्वारा संवेदनशील ट्वीट करना या हैशटैग चलाना ज़िम्मेदाराना भरा कदम नहीं है.

71वें दिन भी जारी है किसान आंदोलन
भारत में पिछले 71 दिनों से जारी ‘किसान आंदोलन’ को अब दुनिया के अन्य देशों से भी समर्थन मिलने लगा है. नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध के चलते दिल्ली के गाज़ीपुर बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन आज 71वें दिन भी जारी है. क़ानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं.