दिल्ली में दिन पर दिन बढ़ते अपराध से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस एक नई योजना बना रही है. इस प्लानिंग के तहत अब मोटरसाइकिल सवार दस्ता शहर में घटित हो रही वारदातों पर नज़र रख, बदमाशों पर शिकंजा कसेगा. इस योजना की ख़ास बात ये है कि बाइक सवार इस दल में ज़्यादातर महिलाएं शामिल हैं. ये फ़ैसला महिलाओं की सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए लिया गया है. क्राइम की सूचना मिलने पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए दल को शहर की संकरी गलियों और लेन पर तैनात किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, परियोजना के लिए 600 मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल किया जाएगा, साथ ही इस पर दो लोग तैनात किए जाएंगे. जिनमें से एक बाइक चलाएगा और दूसरा अपराधियों पर नज़र रखेगा. योजना का फ़ैसला पश्चिमी देशों से प्रेरित होकर लिया गया है. दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ‘मोटरसाइकिल सवार दस्ता संकीर्ण गालियों में गश्त लगाएगा. वहीं महिला संचालित क्षेत्रों में महिला नेतृत्व वाली बाइक पेट्रोलिंग करेगी. ये टीम आपताकालीन स्थित में तुरंत एक्शन लेगी.’
मोटरसाइकिलल को Windscreens से सुसज्जित किया जाएगा. इसके अलावा दस्ते के लिए पीले रंग की नई वर्दी भी तैयार की गई है. पेट्रोलिंग के लिए रवाना ये दास्ता बॉडी कैमरे के साथ-साथ Helmet Bullhorns, Pepper Sprays और Taser Gun से लैस होगा. आकंड़ों के अनुसार, बीते 31 अक्टूबर तक 7,371 स्नेचिंग, 2,500 डैकेती, 3,000 छेड़छाड़ और 553 कैथलिंग के मामले सामने आए हैं. ‘रफ़्तार’ नामक इस टीम का प्रमुख उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा में सुधार करना है.
इस बारे में बात करते हुए पुलिस के अधिकारी ने बताया कि महिला टीम गठित करते वक़्त सबसे बड़ी समस्या ये थी कि ज़्यादातर महिलाओं के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. इसीलिए अब इसमें 60 प्रतिशत महिलाएं पुलिस की होंगी. इसके साथ ही 200 महिला पुलिस की हाईस्पीड मोटरसाइकिल ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है.
मौरिस नगर पुलिस थाने की एक कांस्टेबल शुशीला कहती हैं, ‘मैं इन्हें स्टेडियम और हल्के यातायात वाली सड़कों पर सुबह और शाम एक घंटे के लिए बाईक चलाने की ट्रेनिंग दे रही हूं. इसके इनमें से अधिकतर महिलाएं पहले से बाईक चलाना जानती हैं.’
इसके साथ ही इनमें से कुछ महिलाओं को पुरुषों की तरह ही MP-5 Submachine Guns और Insas Rifles चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी. दिल्ली के 191 पुलिस स्टेशनों में कम से कम तीन मोटरसाइकिलों की कायापलट की जाएगी. इन्हें LED Flashers, Windscreens, Baton Holders और Storage Boxes के साथ दोबारा तैयार किया जाएगा.
पेट्रोलिंग बाइक जीपीएस से लैस होगी, जिसे केंद्रीय और ज़िला कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया जाएगा. जीपीएस से लैस होने के कारण अगर बाइक राइडर अपने क्षेत्राअधिकार से अलग जाता है, तो उसे सचेत किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, वर्ष के अंत तक योजना को लागू कर दिया जाएगा. क्राइम से निपटने का अगर दिल्ली पुलिस का ये प्लान सफ़ल रहा, तो इसे बढ़ावा देने के लिए दिल्ली पुलिस गृहमंत्रालय से भी संपर्क करेगी.
Source : Hindustantimes