देश की राजधानी दिल्ली में आज क़रीब 300 दिनों बाद स्कूल खुल गए हैं. दिल्ली सरकार ने सिर्फ़ 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी है. दिल्ली में सभी स्कूल मार्च 2020 से ही बंद थे. इस दौरान कोरोना महामारी से बचने के लिए छात्रों और स्कूल प्रशासन के लिए कई नियम भी बनाए गए हैं. इनका पालन करना अनिवार्य है. 

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर स्कूल खुलने की ख़ुशी जताई है और छात्रों को शुभकामनाएं भी दी. केंद्र सरकार ने अनलॉक 5 की गाइडलाइन्स में राज्यों को स्कूल खोलने की अनुमति दी थी.

कोरोना काल में स्कूल खोलने के कुछ सख़्त नियम बनाए गए हैं. छात्रों और स्कूल प्रशासन को इनका पालन करना अनिवार्य है.

– पैरेंट्स की लिखित सहमति के बिना छात्रों की स्कूल में एंट्री नहीं होगी. 

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– केवल कंटेनमेंट ज़ोन से बाहर वाले स्कूलों को ही खोलने की अनुमति है.

– स्कूल के गेट में थर्मल स्क्रीनिंग होगी, मास्क ज़रूरी है, सैनेटाइज़र मशीन लगी होनी चाहिए और समय-समय पर क्लास रूम को सैनेटाइज़ किया जाएगा.

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– दो घंटे की क्लास लगेगी और स्कूल में दोनों कक्षाओं के सिर्फ़ 50 फ़ीसदी छात्र ही आएंगे. 

– प्रयोगशालाओं में एक बार में केवल 10 छात्र जाएंगे और उनकी निगरानी के लिए तीन स्टाफ़ मेंबर होंगे. 

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– विद्यालयों को Covid-19 से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों के पोस्टर परिसर में चिपकाने होंगे. 

– सोशल डिस्टेंसिंग और तापमान को समय-समय पर मापने के लिए स्वयंसेवक नियुक्त किए जाएंगे. 

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– किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल टीम स्टैंड बाय पर रहेगी.