आप सभी चीज़ों को अपने वश में कर सकते हैं, मगर मौत और सपने को कभी नहीं कर सकते हैं. सपना हर किसी का अपना होता है. उस पर किसी का वश या ज़ोर नहीं होता है. सपना देखने का हक़ सभी को है और उसे पूरा करने का भी. आइए, आपको एक ऐसे शख़्स से मिलवाने जा रहे हैं, जिसने अपने सपने को जिया है.

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हम बात कर रहे हैं नागपुर के श्रीकांत की, जो जन्मा तो ग़रीब परिवार में था, मगर वो बड़े-बड़े सपने देखता था. हालांकि, उसे हक़ीकत में तब्दील करने के लिए ख़ूब मेहनत करनी पड़ी. कभी वो डिलीवरी बॉय तो कभी ऑटो चालक बना. इस तरह अपने सफ़र को पूरा कर आज उन्हें इंडिगो एयरलाइन्स में पायलट नियुक्त किया गया है.

नागपुर के श्रीकांत पंटावने की ये कहानी ज़रूर फ़िल्मी लग सकती है, लेकिन अपने सपनों को पूरा करने के लिए श्रीकांत ने जो मेहनत की, वह किसी फ़िल्म की कहानी से कम नहीं है.

श्रीकांत के पिता एक मामूली चौकीदार थे. वे श्रीकांत को ज़्यादा पढ़ा नहीं सकते थे. मगर श्रीकांत को आगे बढ़ने की धुन सवार थी. वो अपनी मेहनत और लगन से आगे बढ़ना चाहता था.

कैसे बना पायलट?

एक दिन एक सवारी को लेकर श्रीकांत एयरपोर्ट जा रहा था. उसके ऑटो में भारतीय वायु सेना का एक जवान बैठा था, बातों ही बातों में उसने श्रीकांत को बताया कि पायलट बनने के लिए उसे वायु सेना में रहने की ज़रूरत नहीं. वायुसेना के कैडट ने उसे डीजीसीए के पायलट स्कॉलरशिप प्रोग्राम के बारे में बताया. बस फिर क्या था, श्रीकांत के सपने एक बार फिर जाग गए और उसने फिर से अपनी 12वीं की किताबें उठाई और स्कॉलरशिप की तैयारी शुरू कर दी. 12वीं का रिज़ल्ट आते ही उसने मध्यप्रदेश के एक फ्लाइट स्कूल में दाखिला ले लिया और बन गया पायलट.

श्रीकांत को उसकी मंज़िल मिल गई. इसके लिए उनके दोस्तों ने भी मदद की. कहते हैं कि हौसला हो, तो किसी भी चीज़ को पाया जा सकता है और श्रीकांत ने इसे साबित भी किया.