दिल्ली से सटे गुरुग्राम के जाने-माने फ़ोर्टिस हॉस्पिटल में डेंगू से पीड़ित सात साल की मासूम की मौत हो गई. इससे भी ज़्यादा हैरानी की बात ये है कि अस्पताल ने इलाज के लिए मृतक बच्ची के माता-पिता को 16 लाख रुपये का बिल थमा दिया है. इस बिल में डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल किए गए 2700 दस्ताने और 660 सिरिंज भी शामिल हैं.

सोशल मीडिया पर ट्वीट वायरल होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा, ‘कृपया घटना की सारी जानकारी मुझे hfwminister@gov.in पर दें. मामले में ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, द्वारका में रहने वाले जयंत सिंह की बेटी आद्या को दो महीने पहले 27 अगस्त को तेज़ बुखार था, जिसके बाद उसके माता-पिता ने बच्ची को द्वारका के रॉकलैंड अस्‍पताल में एडमिट करवाया, जहां जांच के बाद पता चला कि उसे डेंगू है. बच्ची की हालत बिगड़ती देख, उसे 31 अगस्त को फ़ोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जिसके बाद करीब 15 दिन तक वहां उसका इलाज चला, लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और 15 सितबंर को उसने दम तोड़ दिया.

वहीं बच्ची के परिजनों ने अस्पताल पर आद्या के इलाज में लपारवाही बरतने और बिल में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए, मामले के जांच की मांग रखी है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत के दौरान बच्ची के पिता जयंत सिंह ने कहा, ‘सरकार को अस्पताल के खिलाफ़ जांच करनी चाहिए, ताकि दोबारा किसी बच्चे के साथ ऐसा न हो.’

वहीं पूरे मामले पर अस्पताल ने सफ़ाई पेश करते हुए कहा है कि आद्या डेंगू शॉक सिंड्रोम से ग्रसित थी, उसकी हालत को स्थिर बनाए रखने के लिए उसे 48 घंटे के अंदर लाइफ़ सपोर्ट पर रखा गया था. 14 सितंबर को परिवार ने नियमों के खिलाफ़ जाकर बच्ची को अस्पताल से ले जाने का निर्यण लिया और उसी दिन बच्ची की मौत हो गई.

अस्पताल की तरफ़ से ये भी कहा गया कि इलाज में सभी स्टैंडर्ड मेडिकल प्रोटोकॉल और गाइडलाइंस का ध्यान रखा गया है. हमने हॉस्पिटल से जाने से पहले परिवार को 20 पेज का एस्टीमेटेड बिल दिया था. फ़ाइनल बिल 15.70 लाख रुपए था.

दरअसल, बच्ची के पिता जयंत सिंह के दोस्त ने 17 नवंबर को हॉस्पिटल के बिल की कॉपी के साथ ट्विटर पर पूरी घटना शेयर करते हुए लिखा, ‘मेरे दोस्त 7 साल की बेटी डेंगू के इलाज के लिए 15 दिन तक फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती रही. आख़िर में उसकी मौत हो गई. हॉस्पिटल ने इसके लिए उन्हें 16 लाख का बिल दिया.’

स्वास्थ्य मंत्री ने पीड़ित परिवार को आश्वासन देते हुए ये भी कहा है कि अगर मामले में अस्पताल दोषी पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी.