देश के राज्यों के खराब हालातों का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां गरीबों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं और नेताओं के भाषण इन्हें क्या-क्या झूठे सपने दिखा देते हैं. एक बार फिर ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसे जान कर आपकी आंखें नम होने पर मजबूर हो जाएंगी.

घटना उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले की है, जहां एक बच्ची की मौत के बाद उसके शरीर को ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं दी गई, तो उसके चाचा ने उसे अपने कंधे पर लाद कर साइकिल से घर तक का सफ़र तय किया.

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मानवता और इंसानियत की मौत इस बच्ची के साथ ही हो गई, जब डॉक्टर्स और हॉस्पिटल स्टॉफ़ ने मृत मासूम के चाचा से एम्बुलेंस के पेट्रोल के लिए पैसे मांगे. लेकिन उसके घर वालों के हालात ऐसे नहीं थे कि वो इस मांग को पूरा कर सकें.

इसके बाद मासूम के मृत शरीर को उसके चाचा ने अपने कंधे पर लादा और करीब 10 किलोमीटर साइकिल से सफ़र तय किया.

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इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां एंम्बुलेंस के लिए पैसों की मांग की जाती है और पैसे न होने पर उन्हें इस सुविधा से दूर कर दिया जाता है. भारत के करीब-करीब हर राज्य में सरकारी अस्पतालों की एम्बुलेंस फ़्री होती हैं, लेकिन पैसों की लालच ने इंसान को इस कदर अंधा कर दिया है कि उसे कुछ और दिखता ही नहीं. ज़िंदा तो छोड़िए जनाब यहां मुर्दों से भी पैसे की मांग कर ली जाती है. इन घटनाओं के बाद आखिर हम कैसे कह सकते हैं कि भारत एक महान देश है?