ये आर्टिकल हमारी और आप जैसी निकम्मी औलादों के लिए ख़तरा और हमारे आदर्श माता-पिताओं के लिए सपना है. क्योंकि आज हम जिस शख़्स के बारे में बताने जा रहे हैं, उसका मॉर्निंग रूटीन (Morning Routine) जानकर आपके पेरेंट्स आपको लतिया भी सकते हैं. ये भी हो सकता है कि वो आपको अपनी जायदाद से बेदखल कर उस शख़्स को ही गोद ले बैठें. ज़्यादा रहस्यमयी न बनते हुए बता दें कि वो शख़्स कोई और नहीं, बल्कि सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) हैं. 

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वही Google वाले सुंदर पिचाई जो आजकल  Alphabet के भी CEO हैं. आज भी भाई के अंदर देसी पेरेंट्स के संस्कार इतने कूट-कूट कर भरे हैं कि वो हर मां-बाप के आंख का तारा ही नहीं, चांद-सूजर भी बन सकते हैं. मतलब सामने दिख जाएं, तो अपने देसी पेरेंट्स उनका माथा ही चूम बैठें. 

तो आइये जानते हैं कि आख़िर क्यों सुंदर पिचाई देसी पेरेंट्स का एकदम आदर्श बालक है.

1. इधर सूरज उगे, उधर पिचाई उठे

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हम जैसोंं को भोरे में उठाने को मां-बाप बौराए घूमते हैं. बेचारे अंग्रेज़ी की कहावत तक रट लिए हैं, ‘अर्ली टू बेड और अर्ली टू राइज़ मेक्स अ पर्सन हेल्दी, वेल्दी ऐंड वाइज़.’ मगर हम हैं कि मुर्गे की कुकड़ू कूंं को अपने जबराट खर्राटों से दबा देते हैं. वहीं, सुंदर पिचाई आज भी सुबह  6:30 या 7:00 बजे बिस्तर छोड़ खड़े जाते हैं. झुठ्ठी-मुठ्ठी कहूं तो वो कई बार ख़ुद मुर्गे को कंटाप देकर बांग लगाने को बोलकर आते हैं. 

2. अख़बार पढ़ने से होती है दिन की शुरुआत

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हम जैसे लोग दुपहरिया के 12 बजे उठने के बाद भी सबसे पहले फ़ेसबुक ताड़ते हैं. अख़बार के नाम पर खाली क्रिकेट और एंटरटेनमेंट का पेज पलटते हैं, वो भी संडास जाकर. सामान्य ज्ञान के नाम पर खाली हमें इत्ता पता है कि सलमान ख़ान इस दुनिया का सबसे ख़ुशक़िस्मत वर्ज़िन आदमी है. वहीं, सुंदर पिचाई हैं कि सुबह उठकर बाकायदा The Wall Street Journal अख़बार की हार्ड कॉपी और The New York Times को डिजिटली पढ़ते हैं. 

3. अंग्रेज़ी अख़बार के साथ देसी ब्रेकफ़ास्ट का लेते हैं मज़ा

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सुंदर पिचाई का नाश्ता भी हर आम भारतीय घर की तरह ही होता है. पिचाई ख़ुद कहते हैं कि वो मॉर्निंग पर्सन नहीं है, मगर बचपन से ही उनकी जल्दी उठने की आदत पड़ गई. अब ऐसे में उन्हें जागने के लिए अख़बार तो चाहिए, साथ ही, मस्त चाय की चुस्की भी वो लेना नहीं भूलते. इतना ही नहीं, ‘संडे हो या मंडे, रोज़ खाओ अंडे’ वाली कलाकरी भी फ़ॉलो करते हैं. चाय के साथ वो ज़्यादातर टोस्ट और अंडे खाते हैं. अंडे को वो ऑमलेट स्टाइल में खाना पसंद करते हैं. 

4. दिमाग़ के साथ शरीर को भी रखते हैं चुस्त-दुरुस्त

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देखो दिमाग़ है तब ही लड़का इतना आगे पहुंचा है. मगर पिचाई शरीर का भी ख़्याल रखते हैं. हालांकि, आदमी बहुत बिज़ी रहता है इसलिए हर रोज़ सुबह दंड नहीं पेलता, मगर दिनभर में किसी भी टाइम एक्सरसाइज़ कर लेता है. ज़्यादातर टहलते हैं, कभी जिम भी चले जाते हैं. मतलब, दिनभर कुछ न कुछ फ़िज़िकल एक्टिविटी करते रहते हैं. 

तो ये सुंदर पिचाई का मॉर्निंग रूटीन ही है, जो उन्हें हर भारतीय मां-बाप का आदर्श बालक बनाता है. देसी पेरेंट्स के लिए पिचाई सुंदर और सुशील दोनोंं हैं.