देश के कई राज्यों में अब भी माओवादी सक्रिय हैं. झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के कई क्षेत्रों में माओवादी अब भी अपनी ‘सरकार’ चलाते हैं.
कई माओवादी क्षेत्रों में तिरंगा नहीं फहराया जाता. उन माओवादियों को खुली चुनौती दे रहे हैं ओडिशा कैडर के डीआईजी(साउथ-वेस्टर्न रीजन) हिमांशु कुमार लाल. हिमांशु ने 15 अगस्त को ओडिशा के माओवादी नेता, आरके के क्षेत्र में जाकर तिरंगा फहराया.
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India Today की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बालीमाला टाउन के स्वाभिमान क्षेत्र में आज़ादी के बाद से तिरंगा नहीं फहराया गया था. ये क्षेत्र मलकानगिरी ज़िले में आता है.
6 दशक से ज़्यादा समय से इस क्षेत्र के लगभग 150 गांव माओवादियों के साए में जी रहे हैं. स्थानीय निवासियों के लिए हिमांशु उम्मीद की किरण बनकर आए हैं.
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India Today को नाम न बताने की शर्त के साथ एक स्थानीय निवासी ने बताया,
हम माओवादियों के डर से स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाते थे. अपने क्षेत्र में झंडा फहराते देख हमें बहुत ख़ुशी हुई. हम उम्मीद करते हैं कि वक़्त के साथ हालात सुधरेंगे. उनकी वजह से Weed की खेती भी कम होती है जो माओवादियों की आय का मुख्य ज़रिया था. हम उम्मीद करते हैं कि Ultra Left का डर भी ख़त्म हो जाएगा.
-स्थानीय निवासी
India Today से बातचीत में हिमांशु ने कहा,
हर दिन, नया दिन है और हर पोस्टिंग के साथ लोगों के लिए बेहतर करने कि नई चुनौतियां आती हैं. मेरी कोशिशों और निष्ठा से दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने से या दूसरों की ज़िन्दगी संवारने से अच्छा कोई एहसास नहीं.
-हिमांशु कुमार लाल

हिमांशु को मलकानगिरी में ऐंटी-नक्सल ऑपरेशन्स के लिए President’s Police Medal दिया गया था. उन्हें इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा जीव रक्षा मेडल भी दिया गया है.
शारदा चिट फ़ंड केस, रोज़ वैली चिट फ़ंड केस में हिमांशु जांच टीम का हिस्सा रह चुके हैं.
देश में जब तक ऐसे बहादुर पुलिस अफ़सर हैं तब तक देश के भीतर की ऐसी जटिलताएं कम होती रहेंगी.
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