‘छुट्टे नही हैं, आगे बढ़ो’. ये लाइन हम सड़कों पर अक्सर भिखारियों को बोलते हैं. मगर अब लगता है कि ऐसा नहीं हो पाएगा. क्योंकि भिखारी वाक़ई आगे बढ़ चुके हैं. इतना कि वो अब डिजिटली भीख मांगने लगे हैं.
ये भी पढ़ें: कोई है फ़्लैट का मालिक तो किसी के पास है करोड़ों की संपत्ति, ये हैं भारत के 8 सबसे अमीर भिखारी
जी हां, बिहार के बेतिया रेलवे स्टेशन पर राजू पटेल नाम का भिखारी लोगों को ऑनलाइन भीख देने का ऑप्शन दे रहा है. 40 वर्षीय ये भिखारी अपने गले में एक QR कोड का बोर्ड लगाए बैठा है. उसके पास एक टैबलेट भी है. जब कोई शख़्स बोलता है कि उसके पास छुट्टे नहीं हैं, तो वो फटाक से उन्हें ऑनलाइन भीख देने का ऑप्शन भी बता देता है.
Bihar | Raju Patel, a beggar in Bettiah, goes digital; accepts PhonePe & puts a QR code around his neck
— ANI (@ANI) February 8, 2022
“I accept digital payments, it’s enough to get the work done & fill my stomach,” said Raju Patel
Visuals from Bettiah railway station pic.twitter.com/nbw83uXop6
बता दें, ये भिखारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ़ैन है और उनका रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ सुनना कभी नहीं भूलता. साथ ही उसने बताया कि ‘मैं डिजिटल भुगतान स्वीकार करता हूं, और ये मेरा पेट भरने के लिए पर्याप्त है. वैसे तो मैं बचपन से यहां भीख मांग रहा हूं, लेकिन डिजिटल युग में मैंने भीख मांगने का तरीका बदल दिया है.’
राजू ने बताया, ‘भीख मांगने के बाद मैं स्टेशन पर ही सोता हूं. मेरे पास दूसरा कोई रोज़गार नहीं है. बहुत बार लोग भीख नहीं देते, क्योंकि उनके पास खुले पैसे नहींं होते. वो कहते हैं कि उनके पास कैश नहीं है और वो डिजिटल पेमेंट करते हैं. ऐसे में मैंने भी अपना एक बैंक अकाउंट खुलवा लिया और ई-वॉलेट यूज़ करने लगा.’
बिहार का "डिजिटल भिखारी"
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) February 7, 2022
40 साल का राजू पटेल बेतिया स्टेशन पर भीख मांगता है. जिनके पास कैश नहीं होता, उनके लिए राजू ने फोन पे, गूगल पे और पेटीएम का QR कोड रखा हुआ है. राजू के पास टैबलेट भी है. जानकारी के मुताबिक मानिसक तौर पर कमजोर राजू पिता की मौत के बाद से घर से बाहर रहने लगा. pic.twitter.com/O2PACWhn2U
उसने बताया कि बैंक खाता खोलने के लिए बैंक को उनका आधार और पैन कार्ड चाहिए था, इसलिए उसने अपना पैन भी बनवाया. राजू ने बेतिया में भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में खाता खोला है. अभी ज़्यादातर लोग राजू को नगद ही भीख देते हैं. मगर कुछ उसे Google और Phone Pay के ज़रिए भी भीख देने लगे हैं.
वाक़ई डिजिटल इंडिया का इससे अनोखा उदाहरण दूसरा नहीं मिलेगा.