सोहन लाल की एक मशहूर कविता है कि लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. Arthrogryposis Multiplex Congenita (AMC) से पीड़ित 17 साल का तुहिन डे इस कहावत को सच करता हुआ दिखाई दे रहा है.

AMC से पीड़ित होने की वजह से तुहिन के शरीर का 90% तक हिस्सा काम नहीं करता. तुहिन को सहारे के लिए व्हीलचेयर की ज़रूरत पड़ती है. इसके बावजूद तुहिन ने कभी हिम्मत नहीं हारी. शनिवार को आये 10वीं के नतीजों में तुहिन को 88% मार्क्स हासिल हुए हैं. तुहिन Stephen Hawking को अपना आदर्श मनाता है और बड़ा हो कर उनकी तरह ही एक वैज्ञानिक बनाना चाहता है.

तुहिन ने अपने पेपर पश्चिम बंगाल के IIT खड़गपुर स्थित केन्द्रीय विद्यालय में दी थी. वो इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कुछ महीने कोटा में भी रह चुका है. तुहिन की मां सुजाता डे का कहना है कि ‘स्कूल अधिकारीयों ने खुद उन्हें ये जानकारी दी, हालांकि किस सब्जेक्ट में कितने नंबर है ये अभी नहीं पता.’

तुहिन पढ़ने में शुरू से ही अच्छा रहा है. 9वीं में भी तुहिन ने 90% अंक हासिल किये थे, जबकि उसे 95% अंकों की उम्मीद थी. तुहिन के 10वीं के ये मार्क्स इसलिए भी प्रेरणा का स्रोत है, क्योंकि तुहिन का स्कूल घर से 14 किलोमीटर दूर था और एग्ज़ाम में भी किसी की मदद लेने के बजाय उसने अपने मुंह से बिना कोई एक्स्ट्रा टाइम लिए खुद लिखा था.

वाकई तुहिन की हिम्मत को सलाम करने का दिल करता है बॉस.