तेलंगाना राज्य के मेदक जिले के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के. धर्मा रेड्डी ने कुछ दिनों पहले वो किया जो किसी बड़े सरकारी अधिकारी से उम्मीद नहीं की जाती है. ‘स्वच्छता अभियान’ के तहत खुले में शौच को लेकर पुणे में एक कार्यशाला आयोजित की गई थी. कार्यशाला के दौरान डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ख़ुद शौच वाले गड्ढे में गए और बिना किसी ग्लव्ज़ के हाथों से उसकी सफ़ाई की.

ये कार्यशाला मुख्यत: मल से प्राकृतिक खाद बनाने की विधि के लिए आयोजित की गई थी. वहां पहले कर्मचारियों ने इसकी प्रक्रिया को समझाया फिर धर्मा रेड्डी खुद प्राकृतिक खाद को निकालने के लिए टंकी में उतरें.

पिछले साल मेदक जिला खुले में शौच मुक्त घोषित हुआ था. मेदक जिला, तेलांगना का ऐसा आठवां जिला है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूरा तेलांगना भी खुले में शौच से मुक्त होने की कगार पर है. इक्नॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अबतक 11 राज्य खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुके हैं, जिनके नाम हैं- हिमाचल प्रदेश, केरल, उत्तराखंड, हरियाणा, गुजरात, चंडीगढ़, दमन और दीव, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मेघालय.