आधुनिक समाज के सबसे विघटनकारी राष्ट्रपति चुनावों के तीन महीने बाद अमेरिका के कई परिवारों के रिश्तों पर गहरा असर पड़ा है. अमेरिकी समाज के कई हिस्सों को ये चुनाव कुरेदने में कामयाब रहा है और इन संवेदनशील जख्मों के जल्द भरने के आसार नज़र नहीं आते, हालांकि ये चुनाव केवल रिश्तों को तोड़ने भर के लिए नहीं था. चुनाव में चर्चाओं के दौर के बीच अमेरिका के व्यक्तिवादी समाज में भी लोग दोस्ती के नए आयाम गढ़ने में कामयाब रहे.

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लेकिन पिछले राष्ट्रपति चुनावों की तुलना में इस बार अमेरिका में द्वेष का ये माहौल काफी बढ़ा है. आमतौर पर चुनाव के खत्म होने के बाद लोगों की ज़िंदगियां सामान्य हो जाती थीं लेकिन रायटर्स/इप्सोस के सर्वे के अनुसार, नवंबर में हुए इस चुनाव के बाद से रिपब्लिकंस और डेमोक्रेट्स के बीच विचारधारा की ये खाई और बढ़ी हैं.

तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है बॉस?

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रॉयटर्स/इप्सोस के सर्वे के मुताबिक, 16 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अमेरिकी चुनावों के बाद से उन्होंने अपने दोस्तों या परिवार में से कम से कम एक इंसान से बातचीत करना बंद कर दिया है. हिलेरी क्लिंटन को वोट करने वाले लोगों में ये संख्या 22 प्रतिशत हो जाती है. कुल मिलाकर 13 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने अपने परिवार या दोस्तों में से किसी न किसी के साथ अपना रिश्ता खत्म कर लिया है जबकि पिछले अक्तूबर में ये संख्या 12 प्रतिशत थी.

25 साल के रॉब ब्रुनेलो के लिए ये समय बेहद उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. ओहायो में रहने वाले रॉब, डॉनल्ड ट्रंप का समर्थन करते हैं जिसकी वजह से उन्हें अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से काफी तीखी प्रतिक्रियाएं सुनने को मिलती रहीं. उन्होंने कहा कि लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि हिलेरी के खिलाफ ट्रंप जीत भी सकते हैं. उन्हें ये विश्वास करने में काफी समय लगा.

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वहीं, इसी दौरान कई ऐसे लोग भी थे जिनके रिश्तों में इन चुनावों के बाद से किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ा. सर्वे के मुताबिक, 40 प्रतिशत लोगों ने अपने परिवार या दोस्तों से चुनावों को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं की.

सोशल मीडिया पर तीखी बहस और टूटते रिश्तों के बीच इन चुनावों से सकारात्मक खबरें भी आ रही थी. 21 प्रतिशत लोगों का मानना था कि इन चुनावों के दौरान कई नए लोगों से दोस्ती की. हालांकि इस सर्वे में इस बात का उल्लेख नहीं था कि ये दोस्ती किसी विपक्षी पार्टी को समर्थन देने वाले व्यक्ति से हुई या नहीं.

इलिनॉयस में रहने वाली सैंडी कॉर्बिन का कहना था कि “मैंने ऐसे कई नए लोगों से मुलाकात की जो मेरी ही तरह हिलेरी क्लिंटन का समर्थन करते थे. चुनावों के बाद भी हम लोग काफी बातचीत करते हैं. मेरे लिए इस चुनाव का ये ही एक सकारात्मक पहलू रहा है.”

दोस्ती के किस्से कम थे, नफ़रत ज्यादा 

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64 साल के विलियम लोमी के मुताबिक, “जब लोगों को पता चला था कि मैंने ट्रंप को वोट दिया है तो बहुत सारी अफवाहें उड़नी शुरु हो गई थी. फ़िलाडेल्फ़िया के रिटायर्ड पुलिस अधिकारी विलियम ने कहा कि मैंने अपने एक दोस्त से फ़ेसबुक पर कुछ सवाल किए. उसे वे सवाल पसंद नहीं आए और मुझे उसने एक बेहद लंबा और भद्दा मेसेज किया. उस दिन के बाद से हम दोनों के बीच बातचीत बंद है.”

उन्होंने बताया कि “उसका दोस्त समलैंगिक है और वह समाज के समलैंगिक, मुस्लिमों, शरणार्थियों और विकलांग तबके को लेकर ट्रंप की राय से काफी परेशान और डरा हुआ है लेकिन मुझे लगता है कि लोग इस मामले को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहे हैं.”

ओहायो में रहने वाली सु कोरेन ने बताया कि मैं ट्रंप को समर्थन देने वाले अपने दोनों बेटों से बेहद कम बातचीत करती हूं और फेसबुक पर भी कम से कम 50 ऐसे लोगों को अनफ्रेंड कर चुकी हूं जो ट्रंप का समर्थन करते हैं.
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उन्होंने कहा कि इन चुनाव के बाद से मेरी जिंदगी वैसी नहीं रही जैसी पहले हुआ करती थी. मुझे गुस्सा आता है और मैं परेशान रहती हूं. उन्हें लगता है कि उनका राष्ट्रपति एक हीरो है लेकिन मुझे लगता है कि वह एक बेवकूफ इंसान है.

48 साल के जॉर्ज इंगमायर रेडियो डॉक्यूमेंट्री प्रोड्यूसर हैं और उन्होंने भी इन चुनावों के बाद से अपने एक अंकल के साथ रिश्ता तोड़ लिया. ये वहीं अंकल थे जिन्होंने जॉर्ज को उसके पिता के मरने के बाद संभाला था लेकिन ट्रंप को जबरदस्त सपोर्ट की वजह से जॉर्ज ने उनसे नाता तोड़ लिया.

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उन्होंने कहा कि “पहले हमारे बीच थोड़ी बहुत बहस होती थी लेकिन दिन पर दिन ये बदतर होती चली गई और मुझे नहीं लगता कि अब हमारे बीच कुछ सही भी हो सकता है.”

रॉयटर्स के पोल के मुताबिक, इन चुनावों के बाद से फेसबुक और सोशल मीडिया पर भी लोगों के बीच बहस काफी बढ़ी है. पोल के अनुसार, 17 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने अपने किसी एक फैमिली मेंबर या खास दोस्त को इलेक्शन के चलते सोशल मीडिया पर ब्लॉक किया है.

मिसोरी में एक रिटायर्ड टूर कंपनी ऑपरेटर डेनिस कॉनर के मुताबिक खुश रहने का एक ही तरीका है कि अपनी पॉलिटिक्स के बारे में बात ही मत करो. उन्होंने बताया कि वे ट्रंप को सपोर्ट करते हैं और इसलिए ही उन्होंने अपने परिवार में उन लोगों से अमेरिकी राजनीति के बारे में बात करना बंद कर दिया है जो हिलेरी क्लिंटन को सपोर्ट करते हैं.

वहीं गेल मेककॉर्मिक के लिए ये चुनाव काफी बड़ा बदलाव लेकर आया है. गेल ने अपनी 22 साल की शादी को इन चुनावों के बाद से खत्म कर लिया है.

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कैलिफॉर्निया की रिटायर्ड जेल गार्ड गेल अपने आपको डेमोक्रेट बताती हैं जिनका समाजवाद की ओर भी झुकाव है. उन्होंने कहा कि यूं तो मेरे पति हमेशा से ही एक रिपब्लिकन सपोर्टर रहे हैं लेकिन जब एक बार उन्होंने अपने दोस्तों को बताया कि वे ट्रंप को वोट देने वाले हैं तो उन्हें ये बर्दाश्त नहीं हो पाया.

हालांकि गेल के पति ने ट्रंप को वोट देने का फैसला बदल लिया था लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. गेल अब अपने पति से तलाक़ लेने नहीं जा रही है लेकिन वे अब अपने पति से अलग रहना चाहती हैं. वे हाल ही में बैलिंगहम में अपने घर शिफ्ट हो चुकी हैं.

मुझे लगा कि मैं अपने आपको बेवकूफ बना रहा थी. इन चुनावों ने हमारे बीच ऐसी दरारें खोल दी जिसकी मैंने उम्मीद भी नहीं की थी. मुझे एहसास हुआ कि मैं अपनी ज़िंदगी में कितना आगे बढ़ चुकी हूं.

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उन्होंने कहा कि मैं अपने पति से तलाक़ लेने नहीं जा रही हूं. मुझे लगता है कि मैं तलाक़ जैसी चीज़ों के लिए काफी बूढ़ी हो चुकी हूं और हम साथ में एक वेकेशन भी प्लान करने वाले हैं लेकिन मुझे लगता है कि अब मैं उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच चुकी हूं जब मैं दिन के 24 घंटे बहस करते हुए नहीं बिताना चाहती. मैं अपनी बची-खुची ज़िंदगी ऐसा करते हुए नहीं बिताना चाहती हूं. 

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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जिस आक्रामक अंदाज़ में अपना राष्ट्रपति बनने का सफर पूरा किया है, उससे विभिन्न मानसिकता वाले लोगों में संबंध बेहतर होने के बजाए खराब ही हुए हैं. ट्रंप की नीतियों के खिलाफ बढ़ते प्रदर्शन साबित करते हैं कि विचारों की इस लड़ाई को अभी लंबा सफर तय करना है. ये देखना दिलचस्प होगा कि विचारधारा की इस  खाई और अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यभार के बीच ट्रंप कैसे सामंजस्य बिठाते हैं.