समुद्र में व्हेल को दुनिया का सबसे ख़तरनाक जानवर कहा जाता है. व्हेल के शरीर से निकलने वाले अपशिष्ट को वैज्ञानिक भाषा में ‘एम्बरग्रीस’ कहते हैं. व्हेल की आंतों से निकलने वाला ‘एम्बरग्रीस’ काले या स्लेटी रंग का ठोस, मोम जैसा ज्वलनशील पदार्थ होता है.

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बता दें कि यही ठोस पदार्थ व्हेल के शरीर के अंदर उसकी रक्षा करता है. आमतौर पर ये पदार्थ रेक्टम के ज़रिए बाहर आता है, लेकिन कभी-कभी पदार्थ बड़ा होने पर व्हेल इसे मुंह से भी उगल देती है. इसका वजन 15 ग्राम से लेकर 50 किलो तक हो सकता है.

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व्हेल अक्सर समुद्र तट से काफ़ी दूरी बनाकर रखती हैं. ऐसे में उनके शरीर से निकले ‘एम्बरग्रीस’ को समुद्र किनारे आने पर कई साल लग जाते हैं. समुद्र के नमकीन पानी और सूरज की रोशनी के कारण ये अपशिष्ट चट्टान जैसी चिकनी, भूरी गांठ में बदल जाता है, जो मोम जैसा महसूस होता है. 

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व्हेल के इस ‘एम्बरग्रीस’ का इस्तेमाल परफ़्यूम बनाने में किया जाता है. इस वजह से ये काफ़ी क़ीमती भी होता है. एम्बरग्रीस से बने परफ़्यूम की ख़ुशबू लंबे समय तक बनी रहती है. दुनियाभर में ‘एम्बरग्रीस’ से बने परफ़्यूम का प्रयोग किया जाता है.  

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बताया जाता है कि प्राचीन मिस्र के लोग ‘एम्बरग्रीस’ से अगरबत्ती और धूप बनाया करते थे. जबकि यूरोप के लोगों का मानना था कि ‘एम्बरग्रीस’ का एक टुकड़ा साथ रखने से उन्हें प्लेग रोकने में मदद मिल सकती है, क्योंकि ‘एम्बरग्रीस’ की सुगंध हवा की गंध को ढक लेती थी, जिसे प्लेग का कारण माना जाता था. 

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Theconversation की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में व्हेल की 1.57kg एम्बरग्रीस गांठ की क़ीमत 71,000 अमेरिकी डॉलर (52.23 लाख रुपये) है. इस हिसाब से डेढ़ किलोग्राम एम्बरग्रीस की क़ीमत डेढ़ किलोग्राम सोने की क़ीमत के मुक़ाबले कई गुना अधिक है.

वैज्ञानिक ‘एम्बरग्रीस’ को तैरता सोना भी कहते हैं.