34 वर्षीय Wenliang यूहान सेंट्रल अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ थे और उन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरल संक्रमण के बारे में अपने दोस्तों को प्राइवेट मैसेज द्वारा बताया था.
पिछले साल दिसंबर में ही Wenliang ने वायरस के बारे में रिपोर्ट की थी. वी चैट पर उन्होंने अपने डॉक्टर दोस्तों को बताया कि अस्पताल में भर्ती हुए 7 मरीज़ों में SARS जैसे लक्षण पाये गये हैं. डॉ. Wenliang ने ये भी बताया था कि उन मरीज़ों ने उसी Sea Food बाज़ार से जानवरों का मीट खाया था.
एक टेस्ट के मुताबिक़, Wenliang ने कोरोना वायरस को पहले ही देख लिया था. Wenliang ने बताया था ये वायरस, वायरस के एक बड़े परिवार का हिस्सा हैं जिसमें SARS वायरस भी शामिल हैं. चीन में SARS से 2003 में 800 लोगों की मौत हुई थी.
Wenliang ने अपने दोस्तों को आगाह किया था पर उनके मैसेज कुछ घंटों में ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गये. Wenliang ने CNN से बात करते हुए बताया कि उनका नाम सैंकड़ों लोगों के सामने आ चुका था और उन्हें डर था कि उन्हें इसकी सज़ा मिलेगी.
हुआ भी कुछ वैसा ही. 3 जनवरी को चीन अधिकारियों ने Wenliang और 7 अन्य डॉक्टरों को पेश होने का फ़रमान जारी किया. इसके बाद सरकार ने अफ़वाहें ख़त्म करने का एक संदेश पूरे चीन में भेजा.
उस संदेश के मुताबिक़, ‘पुलिस का आह्वान है कि सभी लोग न अफ़वाहें बनाएं, न फैलाएं और उन पर भरोसा न करें.’
Wenliang से उनके गुनाहों को स्वीकारने और भविष्य में ऐसी एक्टिविटीज़ में भाग न लेने के एक हलफ़नामे पर हस्ताक्षर लिए गए. पर उनकी समस्याएं यहां ख़त्म नहीं हुई.
Wenliang, एक मरीज़ का इलाज करते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए. 12 जनवरी को उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उनकी हालत बिगड़ी और उन्हें ICU में शिफ़्ट करना पड़ा.
20 जनवरी को चीन ने कोरोना वायरस संक्रमण की बात स्वीकारी और इसे नेशनल एमरजेंसी घोषित की.
Washington Post की रिपोर्ट के अनुसार चीन में कई लोगों का मानना है कि अगर Wenliang की बात मान ली गई होती तो आज चीन की हालत इतनी बदहाल नहीं होती.
5 फरवरी को Wenliang ने आख़िरी सांस ली.
Wenliang की मौत ने चीन के लोगों में शोक़ और ग़ुस्सा भर दिया है.