कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने देशभर में जारी लॉकडाउन की अवधि को 31 मई तक बढ़ाने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना पीड़ितों के इलाज में लगे डॉक्टर्स के लिए भी नए निर्देश जारी किए थे. इसमें कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ़ को ड्यूटी के बाद क्वारन्टीन की सुविधा नहीं दिए जाने की बात कही गई थी. सरकार के इस फ़ैसले से देशभर के स्वास्थ्य कर्मियों ने विरोध जताया. इसके लिए उन्होंने शुक्रवार को विरोध स्वरूप काले फीते बांधकर काम किया.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी डॉक्टर्स और स्टाफ़ को ड्यूटी के बाद क्वारन्टीन की सुविधा नहीं दिए जाने और उन्हें खाली करने के निर्देश जारी किए थे. इसमें ये कहा गया था सिर्फ़ उन्हीं मेडिकल स्टाफ़ को क्वारन्टीन सुविधा दी जाएगी जिन्हें कोरोना होने का अधिक ख़तरा है. देशभर के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सरकार के इस फ़ैसले के ख़िलाफ हैं.

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डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार को इस फ़ैसले को वापस लेना चाहिए. क्योंकि काम करके घर जाने से उनके परिवार वालों को भी कोरोना होने का ख़तरा बढ़ जाएगा. इसलिए Federation Of Resident Doctors Association India (FORDA) के डॉक्टर्स ने सरकार के इस फ़ैसले का विरोध करने के लिए सबसे काली पट्टी बांधकर काम करने को कहा. उनके इस प्रोटेस्ट की कुछ फ़ोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. आप भी देखिए:

विरोध प्रदर्शन को बढ़ता देख कई अस्पतालों के प्रशासन ने अपने यहां फ़िलहाल इस आदेश पर 1 सप्ताह के लिए रोक लगा दी है. वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक इस आदेश को पूरी तरह वापस नहीं लिया जाता तब तक वो काला रिबन पहन कर काम करते रहेंगे. 

FORDA के अध्यक्ष डॉ. शिवाजी देव बर्मन ने इस संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा है. इसमें उनसे इस मामले में दखल देने और उनकी मांग पूरी करने की अपील की गई है.
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