महीनों के लॉकडाउन के बाद जैसे-जैसे देश खुल रहा है वैसे-वैसे कुछ सवाल भी हैं जो हमारे दिमाग़ पर छा रहे हैं. मसलन, एक एसी कमरे में अपने सहकर्मियों के साथ बैठना, शॉपिंग मॉल में जाना या सड़क पर लोगों के सम्पर्क में आना कितना ख़तरनाक हो सकता है? आज इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.

यहां तक कि किराने की दुकान से सामान ख़रीदने जैसे साधारण काम भी ज़ोखिम भरे हैं. कोई भी Centrally Air-Conditioned क्षेत्र कुछ ख़ास समय तक हवा को Recycle करता है, जिसके दौरान वायरस हवा में जीवित रह सकते हैं और किसी को भी संक्रमित कर सकते हैं.

यही कारण है कि अधिकांश राज्यों में एयर कंडिशन्ड स्टोर/मॉल को बिना एसी चलाये अपने प्रतिष्ठान खोलने को कहा गया है. इससे सार्वजानिक जगहों पर वायरस के संक्रमण का ख़तरा भले ही कम हो जाता है मगर ख़त्म नहीं होता. IIT बॉम्बे के महामारी विज्ञानी (Epidemiologist) संबुद्ध चौधरी ने द प्रिंट को बताया कि वायरस हवा में कैसे यात्रा करता है.
ये वायरस सर्दी-जुक़ाम और फ़्लू के वायरस की तरह हवा में नहीं तैरता रह सकता है. कोरोना के मामले में ऐसा है कि अगर कोई व्यक्ति छींकता है तो उससे एक मोटी स्प्रे बन जाती है – और तब वायरस हवा में होता है. लेकिन ये हवा में इधर-उधर नहीं तैरता है. ध्यान देने वाली बात है कि Centrally Air-Conditioned शॉपिंग सेंटर आदि स्थानों पर, जहां आमतौर पर बहुत सारे लोग होते हैं, थोड़े से वक़्त के लिए वायरस Recycle हो के हवा में बना रह सकता है.
-संबुद्ध चौधरी

उदाहरण के लिए हॉन्गकॉन्ग के क्रूज़ जहाज, डायमंड प्रिंसेस में हवा को Recycle करने वाले एयर कंडीशनिंग सिस्टम के कारण वायरस सभी केबिनों में पहुंच गया था.
हालांकि, जब आप सड़क पर साइकिल चलाने वालों और दौड़ने वालों के संपर्क में आते हैं तो यहां वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा आपके घर के अंदर संक्रमित होने के मुक़ाबले काफ़ी कम होता है.

VOX, एक वीडियो इसके बारे में बताता है कि 100% सुरक्षित रहने का एकमात्र तरीका ये है कि आप अपने घर में ख़ुद को बंद कर लें और किसी भी मानवीय संपर्क को भूल जाएं.

सड़क पर लोगों को Cross करना या बाहर में 3-6 फ़ीट की दूरी पर किसी से बात करना घर में किसी से बात करने से कम ख़तरनाक होता है. क्योंकि वेंटिलेशन एक बड़ी भूमिका निभाता है- घर के अंदर आपके और दूसरे व्यक्ति के आस-पास की हवा कैसे चलती है और घर के बाहर कैसे चलती है- दोनों में बहुत अंतर होता है.
बाहरी हवा का वायरस पर प्रभाव पड़ता है, ये वायरस के चारों ओर नमी की सुरक्षात्मक परत को सूरज की रोशनी, बारिश, नमी और हवा से तोड़ता है और वायरस को ख़त्म कर देता है. यही कारण है कि घर के अंदर होने की तुलना में बाहर होना और मास्क पहनना जोख़िम को कम करता है. इसलिए मेट्रो और एसी बसों में यात्रा करना उचित नहीं है. हालांकि, उसी तर्क से Open-air बस या ऑटो लेना सुरक्षित विकल्प की तरह लगता है. इसे ध्यान में रखते हुए किराने के सामान के लिए किसी बाहरी बाज़ार में जाना एक बेहतर विकल्प है किसी इनडोर बाज़ार की तुलना में.

कुल मिलाकर सार्वजनिक क्षेत्रों में जितनी दूरी उतना कम ख़तरा. एसी में बैठने से बचें. स्वच्छता का ध्यान रखें. मास्क पहनना और शारीरिक संपर्क से बचना ख़तरे को कम करेगा