देश के अगला राष्ट्रपति कौन होगा? इस पद के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं. देश के प्रथम नागरिक के कार्यभार को संभालने के लिए लाल कृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और यहां तक कि मोहन भागवत का नाम भी सामने आया है. इन नामों से ज़्यादा अचंभित एक और नाम किया, द्रौपदी मुर्मु के नाम ने.
आप में से बहुत से लोग ये नाम आज पहली बार सुन रहे होंगे, पर भारतीय राजनीति के लिए ये नाम बिल्कुल नया नहीं है. द्रौपदी मुर्मु, ओडिशा के मयूरभंज ज़िले के एक संथाल परिवार से हैं. उन्होंने 1997 में भारतीय राजनीति में कदम रखा और तब से मुड़कर नहीं देखा. राजनीति में आने से पहले वे एक शिक्षिका थीं.
1997 में ही उन्होंने बीजेपी के Odisha Scheduled Tribes Morcha के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला. 2000-2004 के बीच द्रौपदी ने नवीन पटनायक सरकार के कैबिनेट में कई विभागों का दायित्व संभाला.
कुछ ही साल में द्रौपदी ने राजनीति में अपनी जगह बना ली. 2007 में उन्हें ओडिशा एसेंबली द्वारा, सर्वश्रेष्ठ एमएलए का अवॉर्ड भी दिया गया था.
ज़िन्दगी ने द्रौपदी से कड़े इम्तिहान लिए. अपने पति और दो बेटों को खोने के बावजूद उन्होंने दूसरों की ज़िन्दगी में बदलाव लाने के लिए काम किया.
2015 में द्रौपदी ने इतिहास रचा, जब उन्हें झारखंड की पहली महिला गवर्नर बनाया गया.
लगभग 20 सालों तक आदिवासी जनजातियों के उत्थान के लिए काम कर चुकी द्रौपदी बीजेपी और जनजातियों के बीच की कड़ी हैं. शायद इसीलिए द्रौपदी, बीजेपी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हो सकती हैं.
हम ये तो नहीं कह सकते कि द्रौपदी राष्ट्रपति बनेंगी या नहीं, पर आज तक उन्होंने आदिवासियों के लिए जो भी किया है, वो ये साबित करता है कि वे राष्ट्रपति पद की मज़बूत दावेदार हैं.
Source: Scoop Whoop