दिल्ली के शाहीन बाग़ में 15 दिसंबर 2019 से CAA और NRC के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसमें हर समुदाय के लोग शामिल हैं. यहां भारी संख्यां में लोग धरने में हिस्सा ले रहे हैं. यहां आने वाले लोगों के खाने-पीने का इंतज़ाम भी हर कोई अपने-अपने हिसाब से कर रहा है. ऐसे ही एक शख़्स हैं डी.एस बिंद्रा जिन्होंने यहां पर लोगों को लंगर खिलाने के लिए अपना फ़्लैट तक बेच दिया.

डी.एस बिंद्रा पेशे से वक़ील हैं, वो दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. इसके साथ ही वो शाहीन बाग़ में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खाने का इंतज़ाम भी करते हैं. वो हर रोज़ इन लोगों के लिए लंगर लगाते हैं, जिसका ख़र्च वो ख़ुद ही उठाते हैं.

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इस काम के लिए उन्होंने अपना फ़्लैट तक बेच दिया है. उनका कहना ये है कि वो गुरुद्वारे में लंगर लगाते थे पर जब उन्होंने सुना कि कुछ लोग संविधान की रक्षा के लिए प्रोटेस्ट कर रहे हैं, तो क्यों न उनकी सेवा की जाए. इसलिए वो शाहीन बाग़ के लोगों को लंगर खिलाने लगे. 

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दरअसल, उनका मानना है कि वाहेगुरू ने उन्हें जो दिया है उससे लोगों की सेवा की जाए. उन्होंने बताया कि जैसे वो गुरुद्वारे में दान करते थे उसी तरह इन लोगों को खाना खिला कर वो एक प्रकार से सेवा ही कर रहे हैं. इस बारे में कुछ लोगों ने पूछा कि इसके लिए पैसे कहां से आ रहें हैं और वो किस पार्टी को सपोर्ट करते हैं. 

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तब उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने अपना फ़्लैट बेच दिया है और सुबूत के तौर पर कागज़ात भी दिखाए. साथ ही उन्होंने कहा कि वो किसी पार्टी को सपोर्ट नहीं करते हैं. ब्रिंद्रा ने बताया कि उन्होंने शाहीन बाग़ के अलावा दिल्ली के मुस्तफाबाद और खुरेजी में भी लंगर 4-5 दिनों के लिए लंगर लगाया था. मगर अब वो सिर्फ़ शाहीन बाग़ में ही लंगर लगा रहे हैं.

लंगर लगाने के लिए जब पैसे की कमी होने लगी थी तब उनके बच्चों ने ही उन्हें अपने दूसरे फ़्लैट को बेचने का आइडिया दिया था. इस बात का पहले उनकी पत्नी ने विरोध किया था, लेकिन जब बाद में ये लंगर शुरू हो गया तो उन्होंने भी अपने पति को सपोर्ट किया था.

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