आज कल चर्चाओं में आने का सबसे आसान ज़रिया धर्म नज़र आता है. अगर आप धर्म को मान कर कट्टरपंथी विचार का समर्थन करते हैं, तो भी कुछ ऐसी मानसिकता का समर्थन करते हैं, जो कहीं न कहीं विवादों से जुड़ी हुई दिखाई देती है. अगर आप खुद को लिबरल कहते हैं और धर्म का खंडन करते हैं, तो भी आप किसी ऐसी विचारधारा का समर्थन कर रहे हैं, जो लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम करती है.
ऐसा ही कुछ दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर केदार कुमार मंडल के साथ हुआ, जो खुद को लिबरल साबित करने के चक्कर में फ़ेसबुक अकाउंट पर देवी दुर्गा के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट कर बैठे.

प्रोफ़ेसर की ये पोस्ट आने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया तुरंत आने लगी और लोग उनकी जमकर आलोचना करने लगे. इस बाबत बीजेपी की सहयोगी नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट और स्टूडेंट विंग, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत भी की है. प्रोफ़ेसर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने संबंधी मामले के तहत दिल्ली के लोधी रोड थाने में केस दर्ज किया गया है.

दयाल सिंह कॉलेज की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यूनिट के छात्र प्रोफ़ेसर से हटाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि ‘हम प्रोफ़ेसर को तुरंत पद से हटाने की मांग करते हैं. हम बच्चों से भी अनुरोध करते हैं कि वो प्रोफ़ेसर की क्लासेज का बॉयकॉट करें. एक तरफ़ जब सारा देश मिलकर नवरात्रों को मना रहा है उस समय प्रोफ़ेसर की ऐसी टिप्पणी लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है.’
भइया ऐसे में आपसे बस यही कहना बाकी रह गया है कि आप किसी भी विचारधारा का समर्थन करते हों कोई बात नहीं, पर सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखते समय पहले 10 बार सोचें.