Earth Day 2021: शहरों में भी पहाड़ होते हैं, लेकिन ये दूसरे पहाड़ों की तरह धरती की ख़ूबसूरती नहीं बढ़ाते, बल्कि उसे भद्दा और बदबूदार बनाते हैं. हम बात कर रहे हैं शहरों में पाए जाने वाले कचरा डंपिंग ग्राउंड या यूं कह लो कूड़े के पहाड़ की. ये किसी खुले शौचालय से कम नहीं होते. इनसे ज़मीन ही नहीं, वातावरण भी प्रदूषित होता है.
अच्छी बात ये है कि इस बारे में लोग अब सोचने लगे हैं और ऐसे डंपिंग ग्राउंड्स को ख़ूबसूरत पार्क में तब्दील करने लगे हैं. ये सब वेस्ट मैनेजमेंट के लेटेस्ट तरीकों और अपनी धरा को बचाए रखने की कवायद के चलते हो रहा है.
1. जालंधर
जालंधर ज़िले के अलीपुर गांव में कचरे का एक डंपिंग ग्राउंड था. ज़िला प्रशासन ने इसे मनरेगा स्कीम के तहत एक ख़ूबसूरत पार्क में बदल दिया. इसे बनाने में क़रीब 4.5 लाख रुपये का ख़र्च आया. अब ये गांव की शान बन गया है.
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2. बेंगलुरु
बेंगलुरु के वरथुर मेन रोड पर लगा कचरे का ढेर लोगों को परेशान करता था. ये सरकारी ज़मीन थी जो खाली पड़ी थी और लोग इसमें कचरा फेंकने लगे थे. इसके पास बने जागृति और वाटरवुड्स अपार्ट्मेंट के लोगों ने इसे क्लीन कर एक सुंदर पार्क में तब्दील कर कर दिया.
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3. दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली में एक गांव हैं जिसका नाम है खिड़की. यहां के लोग पास में बने कचरे के ग्राउंड से बड़ा परेशान थे. गांव के लोगों ने नगर निगम के साथ मिलकर इसकी कायापलट कर दी. अब यहां पर एक बहुत बड़ा पार्क है जिसमें ओपन जिम, खेलने के लिए स्थान और एक लाइब्रेरी भी है. इसका नाम जामुन वाला पार्क है.
4. मुंबई
मुंबई के मलाड में एक बहुत बड़ा खाली प्लॉट था. इसमें कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था और काफ़ी बड़े हिस्से में कचरे का ढेर लगा था. बीएमसी ने इसे एक ख़ूबसूरत गार्डन में बदल दिया. ये पार्क 2.75 लाख वर्ग फ़ीट में फैला है और इसमें 4,000 से अधिक पौधे लगाए हैं. बीएमसी ने इसका नाम डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम गार्डन रखा है.
5. कोरापुट
ओडिशा के कोरापुट के नबरंगपुर जंगल में लोग कचरा फेंक उसे बर्बाद कर रहे थे. यहां के वन विभाग ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए उसे साफ़ कर एक एम्यूज़मेंट पार्क (Amusement Park) में तब्दील कर दिया. अब यहां हरियाली और ख़ुशहाली दोनों हैं.
6. बेंगलुरु
शहर के डोमलुर इलाके में बहुत बड़ा कचरा डंपिंग यार्ड था. यहां रहने वाले एक डॉक्टर और कुछ लोगों ने मिलकर दो साल में इसे बुज़ुर्गों के लिए एक पार्क में बदल दिया. इसका नाम उन्होंने अज्जा-अज्जी पार्क रखा है.
7. गुरुग्राम
गुरुग्राम का अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क कभी एक कचरा डंपिंग यार्ड और अवैध खनन का अड्डा था. इसे एक एनजीओ ने साफ़ करके इसकी कायापलट कर दी. अब ये सैंकड़ों पेड़, पक्षी और जानवरों का ठिकाना है. लोग यहां सुहब शाम टहलने भी आते हैं.
8. शिमला
शिमला की डंपिग साइट कनलोग के पास से लोग गुज़र भी नहीं सकते थे. लेकिन नगर निगम ने इसे साफ़ कर के इसे एक ख़ूबसूरत पार्क में बदल दिया है. इस पार्क से शिमला शहर का सुंदर नज़ारा देखने को मिलता है.
पर्यावरण और पृथ्वी को बचाने के लिए बनाए गए ये पार्क भले ही छोटी पहल हों, लेकिन हमें पूरे देश में इस तरह की मुहिम को बचाए रखना होगा. तभी तो हमारी धरती सुरक्षित रहेगी और हमारा घर भी.