वहीं अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का एक दल इसे Nibiru नाम के एक पूर्व ग्रह का भाग मानता है, जो कई सौ साल पहले नष्ट हो गया था. इसके साथ ही वैज्ञानिकों का मानना है कि ये धरती को भी नुकसान पहुंचा सकता है.

मिस्टीरियस यूनिवर्स नाम की एक एक वेबसाइट के मुताबिक, एक बहुत बड़ी चट्टान 17 फरवरी को धरती से टकराएगी और उसे नष्ट कर देगी.

भले ही जिस चट्टान के बारे में वैज्ञानिक Nibiru होने का दावा कर रहे हों, पर असल में उनके पास भी इससे सम्बन्धित कोई खास जानकारी मौजूद नहीं है. हालांकि, इसे लेकर इन्टरनेट पर अफ़वाहों का बाजार काफी गर्म है, जो ये मानता है कि इसके टकराने से धरती का विनाश हो जायेगा.

अंतरिक्ष की गतिविधियों पर करीब से नज़र रखने Dyomin Damir Zakharovich खुद को अनुभवों के आधार पर एस्ट्रोनॉमर कहते हैं, जिनका कहना है कि ‘नासा हम सब से सच छुपाने की कोशिश कर रहा है, जबकि हम सब पहले ही सारे डाटा को देख चुके हैं.’

उनके अनुसार, अंतरिक्ष में दिखने वाली इस चीज़ को WF9 का नाम दिया गया है, जो अक्टूबर में सूर्य के चक्कर लगा रहे Nibiru को छोड़ कर वहां से निकल आया था. इसके बारे में नासा भी अच्छे से जानता है कि ये धरती से टकराएगा, पर अब तक नासा ने लोगों को सिर्फ इतना ही बताया है.

Dr Zakharovich का मानना है कि ‘यदि ये चट्टान धरती के 2.2km के दायरे से निकलती है, तब कोई दिक्कत नहीं है, पर यदि ये धरती के भीतर आ जाती है, तो सुनामी और तूफान जैसे हालात पैदा हो जायेंगे, जिससे शहर के शहर बर्बाद हो जायेंगे. वो आगे कहते हैं कि ऊपर वाला ऐसा न करे क्योंकि यदि Nibiru धरती से टकराएगा, तो क्या विनाश होगा?’

कई दशकों से वैज्ञानिक एक कांस्पीरेसी थ्योरी को मानते आ रहे हैं, जो एक ऐसे ग्रह को लेकर दावा करती है, जिसे कभी किसी ने देखा ही नहीं है. इस ग्रह का नाम Nibiru रखा गया है. ऐसा पहली बार नहीं है कि Nibiru को ले कर लोगों के मन में आशंकाएं न उठी हो. दिसम्बर 2015 में भी ऐसी ही अफवाहें उठी थीं कि ये धरती से टकरा कर उसे नष्ट करने वाला है.

हालांकि, नासा शुरू से इस तरह के किसी भी ग्रह से इंकार कर चुका है. 2012 में भी नासा ने इस बाबत कहा था कि ‘ये सिवाए किसी अफ़वाह के कुछ नहीं है. इससे जुड़ी सभी कहानियां सिर्फ़ कहानियां हैं, जिनका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है. अगर इस तरह के किसी ग्रह की गुंजाईश है भी, तो हम अंतरिक्ष पर अपनी नज़रें गड़ाए हुए हैं.’