भारत के मशहूर वकील राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है. वरिष्ठ वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी पिछले काफ़ी समय से बीमार थे. पिछले एक हफ़्ते से उनकी तबियत कुछ ज़्यादा ही ख़राब हो गयी थी. वो बेड से उठ भी नहीं पा रहे थे.
कौन थे राम जेठमलानी?
17 साल की उम्र में अपना पहला केस लड़ने वाले, राम जेठमलानी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री रह चुके हैं. साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया था. वर्तमान में जेठमलानी आरजेडी से राज्यसभा सांसद थे.
वकील के तौर पर जेठमलानी ने देश के कई बहुचर्चित केस लड़े थे. इनमें से कई केस काफ़ी विवादित भी रहे. ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने कई बड़े केस लड़े थे. वकील के तौर पर उनका पहला और सबसे चर्चित केस 1959 में के.एम. नानावटी बनाम महाराष्ट्र राज्य था.
राम जेठमलानी ने साल 2011 में मद्रास हाई कोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों का केस भी लड़ा था. साथ ही स्टॉक मार्केट घोटाला केस में उन्होंने हर्षद मेहता और केतन पारेख की तरफ से पैरवी की थी. सुप्रीम कोर्ट के जज तक उन्हें ‘पितामाह’ कह कर पुकारते थे.
अफ़जल गुरु की फांसी का किया था बचाव
राम जेठमलानी का सबसे विवादित केस अफ़जल गुरु की फांसी का बचाव करना था. इसके साथ ही उन्होंने बहुचर्चित जेसिका लाल हत्याकांड में हत्यारे मनु शर्मा का केस भी लड़ा था.
ऐसा था राजनीतिक करियर
राम जेठमलानी छठी और सातवीं लोकसभा में बीजेपी के टिकट पर मुंबई से सांसद चुने गए थे. वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री रहने के बाद साल 2004 में उन्होंने लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी के ही ख़िलाफ़ चुनाव भी लड़ा था.
राम जेठमलानी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख व्यक्त किया.
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में लिखा, राम जेठमलानी के रूप में देश ने एक शानदार वकील और प्रतिष्ठित व्यक्ति को खो दिया है. राम जेठमलानी ने न्यायालय और संसद दोनों में समृद्ध योगदान दिया था.
राम जेठमलानी जी ने आपातकाल के दौरान जनता के लिए लड़ाई लड़ी थी. ज़रूरतमंद के साथ खड़ा होना भी उनकी बड़ी ख़ासियत थी. उन्होंने कभी भी किसी भी मुद्दे पर अपनी भावनाएं व्यक्त करने में हिचकिचाहट महसूस नहीं की. उनकी सबसे बड़ी ख़ासियत ये थी कि वो सिर्फ़ अपने मन की बात बोलते थे.
One of the best aspects of Shri Ram Jethmalani Ji was the ability to speak his mind. And, he did so without any fear. During the dark days of the Emergency, his fortitude and fight for public liberties will be remembered. Helping the needy was an integral part of his persona.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2019
राम जेठमलानी के बेटे महेश ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज शाम लोधी रोड स्थित शमशान में किया जाएगा.
Delhi: Union Home Minister Amit Shah pays last respects to veteran lawyer and former Union Minister Ram Jethmalani at the latter’s residence. Ram Jethmalani passed away this morning at the age of 95. pic.twitter.com/HCKoXZOplS
— ANI (@ANI) September 8, 2019
Deeply condole the passing away of the veteran lawyer and former Law Minister Ram Jethmalani. His brilliance, eloquence, powerful advocacy and sound understanding of law will remain a worthy example in legal profession. My profound condolences.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) September 8, 2019
Extremely saddened at the passing away of legendary lawyer Ram Jethmalani ji. An institution in himself, he shaped criminal law in post-independence India. His void would never be filled and his name will be written in golden words in legal history.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 8, 2019
RIP Ram sir