पिछले दो सालों से बिहार का नाम पढ़ाई से ज़्यादा टॉपर्स घोटाले की वजह से ज़्यादा चर्चा में रहा है. वही बिहार जिसे कभी IAS और IPS की फैक्ट्री कहा जाता था, आज फर्जी टॉपरों का उत्पादन कर रहा है. इन सब के बीच बिहार के गया में एक ऐसा भी गांव है, जहां टॉपर की कहानी तो नहीं, पर हां इंजीनियरों की कहानियां ज़रूर सुनाई जाती हैं. 

दरअसल, 10,000 की आबादी वाले गया के पटवाटोली गांव में से पिछले दो दशकों में 300 से भी ज़्यादा इंजीनियर निकले हैं. इस साल भी यहां के 20 बच्चे IIT की परीक्षा पास कर चुके हैं.

गांव की इस कामयाबी के पीछे गांव के ही एक लड़के जीतेन्द्र प्रसाद को आदर्श माना जाता है, जो IIT की परीक्षा पास करने के बाद काम के लिए अमेरिका चला गया था. अपने बच्चों को जीतेन्द्र जैसा बनाने के लिए यहां के लोगों ने बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया.