बीजेपी की भारी जीत के बाद उत्तर प्रदेश में जिस तरह से योगी आदित्यनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित किया गया, उससे एक बात पहले ही साफ़ हो चुकी थी कि केंद्र में आरएसएस के एजेंडे को लागू करने के बाद बीजेपी राज्य में भी उसी एजेंडे पर अमल करना चाहती है.
पर हाल ही में संघ और आरएसएस के एजेंडे से उल्ट जा कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फ़ैसला लिया है, जिसके बाद नर्सरी क्लास से ही सरकारी स्कूलों में अंग्रेज़ी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी, जबकि तीसरी कक्षा से उन्हें संस्कृत पढ़ाया जायेगा.
इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूर-दृष्टि ही कहिये कि उन्होंने दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को अपनी पसंद की विदेशी भाषा सीखने का विकल्प दिया है. इस बारे में मुख्यमंत्री का कहना है कि ‘यदि कोई बच्चा उच्च शिक्षा के लिए जर्मनी या जापान जाना चाहता है, तो उसे उस भाषा का कोई विशेष कोर्स करने की आवश्यकता नहीं होगी.’
मुख्यमंत्री के इस फ़ैसले को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि आरएसएस की छवि कट्टर हिन्दू वाली रही है, जो स्कूलों और कॉलेजों में सिर्फ़ हिंदी शिक्षा की वकालत करता रहा है.