कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पूरी दुनिया में अब तक इस ख़तरनाक वायरस से 5 लाख से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं. वहीं, एक करोड़ से ज़्यादा लोग संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. कोरोना पूरी दुनिया पर किस कदर क़हर बरपा रहा है, उसका अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि हर एक घंटे में 196 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं.  

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कुछ देशों में कोरोना का प्रभाव कम हुआ है लेकिन ऐसे भी देश हैं, जो अभी भी फ़र्स्ट वेव से उबर नहीं पाए हैं. कोरोना वायरस के कारण होने वाली सांस की बीमारी बुज़ुर्ग़ों के लिए विशेष रूप से ख़तरनाक रही है. हालांकि, मरने वालों में व्यस्क और बच्चे दोनों ही शामिल हैं.  

हाल के कुछ हफ़्तों में मौत के आंकड़े में औसतन कमी देखने को मिली है. हेल्थ एक्सपर्ट्स ने ने अमेरिका, भारत और ब्राजील जैसे देशों में लगातार बढ़ रहे मामलों के साथ ही एशिया के कुछ हिस्सों में नए प्रकोपों को लेकर चिंता जताई है.  

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Reuters के मुताबिक़, 1 जून से लेकर 27 जून तक औसत आधार पर की गई गणना के अनुसार हर 24 घंटे में 4,700 से ज़्यादा लोगों की मौत हो रही है. इस हिसाब से हर एक घंटे में 196 लोग और हर 18 सेकेण्ड में एक शख़्स की मौत हो रही है. साथ ही क़रीब एक-चौथाई मौतें सिर्फ़ अमेरिका में हुई हैं.  

हाल ही में दक्षिणी और पश्चिमी देशों में कोरोना के मामलों में आक्रामक तेज़ी से देखने को मिली है. अमेरिकी अधिकारियों ने रविवार को लगभग 44,700 नए मामले और 508 अतिरिक्त मौतें दर्ज़ कीं. लैटिन अमेरिका में भी मामले तेजी से बढ़ रहै हैं, रविवार को दक्षिण अमेरिका में मामलों की संख्या ने यूरोप के आंकड़े को पार कर लिया. जिसके बाद ये देश उत्तरी अमेरिका के बाद महामारी से प्रभावित दूसरा देश बन गया है.    

वहीं, दूसरी तरफ़ ऑस्ट्रेलिया में क़रीब दो महीनों के बाद एक दिन में कोरोना केस में सबसे बड़ा उछाल देखने को मिला है, जिसके बाद अधिकारी कुछ क्षेत्रों में दोबारा सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने के उपायों पर विचार कर रहे हैं.  

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नए वायरस के कारण पहली मौत नौ जनवरी को हुई थी. चीन के वुहान शहर का एक 61 वर्षीय व्यक्ति को इस महामारी का सोर्स माना गया था, जो वेट बाजार में एक नियमित दुकानदार था.  

बता दें, महज़ 5 महीने में कोविड-19 से मरने वालों के आंकड़े ने मलेरिया से प्रतिवर्ष मरने वाले लोगों की संख्या को पीछे छोड़ दिया है. वायरस के कारण औसतन हर महीने 78,000 मरीज़ों की मौत हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2018 के आंकड़ों के अनुसार, एड्स से संबंधित बीमारी के कारण 64,000 और मलेरिया की वजह से 36,000 लोगों की मौत हुई.