अमेरिका में हर साल 44 हज़ार लोग सुसाइड कर लेते हैं. अमेरिकन फ़ाउंडेशन फ़ॉर सुसाइड प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में लोगों की मौत का ये 10वां सबसे बड़ा कारण है. अमेरिका की इकोनॉमी को भी हर साल लोगों की खुदकुशी के चलते 51 बिलियन डॉलर्स का नुकसान उठाना पड़ता है.

शायद यही कारण है कि फ़ेसबुक अब एक ऐसी आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस पर काम कर रहा है जो डिप्रेस्ड और खुदकुशी का प्रयास कर रहे लोगों के फ़ेसबुक कंटेट को जांच परख कर उन्हें फ़ौरन मदद पहुंचा सकता है.

कुछ लोगों के विरोध के बावजूद फ़ेसबुक फ़ाउंडर मार्क जु़करबर्ग इस AI को लेकर काफी पॉज़िटिव हैं. उन्होंने कहा कि हमें ये मानना पड़ेगा कि आज के दौर में आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस वाकई लोगों की जान बचाने के काम आ सकते हैं.

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इस साल मार्च में फ़ेसबुक पर सुसाइड की रोकथाम के लिए इस AI का इस्तेमाल किया गया था. उस दौरान ये AI केवल यूज़र्स के टेक्सट पोस्ट्स की ही जांच कर सकता था. लेकिन लेटेस्ट अपग्रेड के साथ ही ये फ़ीचर अब पूरी दुनिया में फ़ेसबुक इस्तेमाल करने वाले लोगों पर भी लागू होगा. हालांकि इसमें यूरोपियन यूनियन को शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि वहां प्राइवेसी को लेकर काफ़ी अलग किस्म के नियम हैं.

Pattern Recognition की मदद से ये AI ऐसे पोस्ट्स या लाइव वीडियोज़ को डिटेक्ट करेगा जिनमें सुसाइड को लेकर कोई विचार शेयर किया गया हो और उसी के मुताबिक यूज़र की मदद की जाएगी.

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कंपनी का सबसे ज़्यादा फ़ोकस उन लोगों पर होगा जो फ़ेसबुक पर सुसाइड से संबंधित पोस्ट शेयर करते हैं. फ़ेसबुक का दावा है कि उनका AI ऐसे किसी भी व्यक्ति की प्रोफ़ाइल को चेक कर उसे फ़ौरन मदद पहुंचाने के लिए तैयार होगा. फ़ेसबुक के पास एक ऐसी टीम है जो सबसे गंभीर रिपोर्ट्स पर ज़्यादा एक्टिव होगी. इसके अलावा किसी हेल्पलाइन पर कॉल करने या किसी दोस्त को कॉल करने जैसे कई विकल्प भी फ़ेसबुक ने दिए हैं. इस AI को कई मेंटल हेल्थ संस्थाओं के साथ मिलकर तैयार किया गया है.

फ़ेसबुक के इस प्रयास को यूं तो काफ़ी सराहा जा रहा है लेकिन कई लोग फ़ेसबुक के इस कदम से थोड़ा चिंतित भी है. कई लोगों का मानना है कि आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस की आड़ में फ़ेसबुक लोगों की प्राइवेट चैट और कंटेंट में भी सेंध लगा सकता है. लेकिन फ़ेसबुक के चीफ़ सिक्योरिटी ऑफ़िसर एलेक्स स्टैमोस ने इससे इंकार किया है.”

फ़ेसबुक का ये नया प्रयास किस स्तर पर बदलाव ला पाएगा, आने वाले दिनों में ये देखना वाकई दिलचस्प होगा.

Source: IndiaTimes